... आज केवल पत्रकारिता, लेखन में ही नहीं बल्कि टूरिज्म, मेडिकल, स्कूलिंग हर क्षेत्र में इंटरनेट जड़ तक घुसने के लिए ज़ोर लगा रहा है. चूंकि, मैं खुद इस व्यवसाय से पिछले 8 सालों से (8 Year experience in Digital marketing) सीधा जुड़ा हुआ हूँ और रोज अनेक क्षेत्रों से मेरे पास इंक्वायरी आती है कि मिथिलेश जी, मैं प्राइवेट स्कूल टीचर हूँ और एक वेबसाइट बनवाना चाहता हूँ, जिससे आगे का काम चल सके, तो कोई टूरिज्म के क्षेत्र से फोन करता है तो कई बार स्टूडेंट्स इन चीजों के लिए बेहद उत्सुकता दिखलाते हैं. लेखन, पत्रकारिता इत्यादि क्षेत्रों से तो खैर मेरे पास कई लोग जानकारी लेते ही रहते हैं (Website for Journalists / Media in Present). ऐसे में मैं कह सकता हूँ कि इस क्षेत्र ने संभावनाओं के बड़े द्वार खोले हैं तो बेरोजगारी के दौर में रोजगार के असीमित अवसर भी उत्पन्न किये हैं. पर इसमें जो समस्या पेश आती है, वह हमारी मानसिकता और समझ को लेकर है. कई लोग इस बात की उम्मीद लगा बैठते हैं कि एक वेबसाइट बनाकर वह रातों-रात करोड़पति बन जायेंगे तो कई लेखक-पत्रकार मित्र यह सोच बैठते हैं कि वह इंटरनेट पर अपनी धांसू लेखनी से तहलका मचा देंगे. अरे...रे.. रे.. भाई, ज़रा ठहरिए! एक बात आप अपने दिमाग में खुलकर बैठा लें कि यह टेक्नोलॉजी ऊपर से जितनी आसान दिखती है, वाकई में उतनी है नहीं! ऐसा नहीं है कि आप इसमें सफल नहीं हो सकते हैं पर क्या आप प्रतिदिन 6 घंटे से ज्यादा (डेडिकेटेड एंड फोकस्ड - Website, Blog, Portal Business) इसे समझने में खर्च करना चाहेंगे? क्या आपके पास 2 से 5 साल का समय है इसमें संघर्ष करने के लिए? चूंकि, यह एक बिजनेस (News Portal Development) है तो क्या व्यापार करने के मूल-सिद्धांतों और उसकी अनिश्चितताओं की आधारभूत बातें आपको पता हैं? सम्बन्ध विकसित करने के लिए आपके पास पर्याप्त विनम्रता और समय है तो किसी छोटे बच्चे से भी सीखने को आप कितनी प्राथमिकता देते हैं? यह बात गाँठ बाँध लीजिए कि आप पत्रकारिता, लेखन, साहित्य या किसी भी अन्य फिल्ड के कितने भी बड़े स्टार क्यों न हों, किन्तु इस टेक्नोलॉजी में अभी बच्चे ही हैं. यकीन मानिये, एक 15 साल के लड़के के भीतर टेक्नोलॉजी से सम्बंधित ज्यादा बड़ी सोच है आज के ज़माने में और...