8 जून 2022
अनाड़ी कारीगर अपने औजारों में दोष निकालता रहता है। पकाने का सलीका नहीं जिसे वह देगची का कसूर बताता है।। कातना न जाने जो वह चर्खे को दुत्कारने चला। लुहार बूढ़ा हुआ तो लोहे को कड़ा बताने लगा।। जिसक