बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय भारतीय साहित्य के महान कवि, उपन्यासकार, और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने अपने लेखनी और कला के माध्यम से भारतीय समाज को जागरूक किया और स्वतंत्रता संग्राम के लिए जनभागीदारी का संकेत दिया।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का जन्म २६ जून, १८३८ को हुआ था। उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर वकालत की पढ़ाई की। उनके लेखन में राष्ट्रीय भावनाएँ और भारतीय संस्कृति की महत्वपूर्णता का प्रतिष्ठान था। उनका उपन्यास "आनंदमठ" भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की भावना को प्रकट करता है और उनकी रचनाओं में भारतीय संस्कृति, धर्म, और राष्ट्रीयता की महत्वपूर्ण बातें दिखाई देती हैं। उन्होंने "वंदे मातरम्" गीत के शब्द लिखे, जिसे आज भारतीय राष्ट्रगीत के रूप में मान्यता प्राप्त है। उनकी रचनाएँ स्वतंत्रता संग्राम के समय के राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करती हैं और उन्होंने अपने लेखनी से लोगों को समर्पित करने की प्रेरणा दी।
बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय का योगदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अत्यधिक महत्वपूर्ण रहा है और उनकी रचनाएँ आज भी हमें उनके दृढ राष्ट्रीय भावनाओं की याद दिलाती हैं। उनके लेखनी से हमें उनके अद्भुत विचार और राष्ट्रीय आत्मा की महत्वपूर्णता का अनुभव होता है।