मणिपुर सरकार ने मंगलवार को ब्रॉडबैंड इंटरनेट पर लगे प्रतिबंध को सशर्त और आंशिक रूप से हटाने की घोषणा की। मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध फिलहाल जारी रहेगा। राज्य के गृह विभाग ने एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। मणिपुर में पिछले करीब तीन महीने से जारी जातीय हिंसा के कारण इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।
राज्य के गृह विभाग के मुताबिक, इंटरनेट कनेक्शन केवल स्टेटिक आईपी के माध्यम से उपलब्ध होगा। संबंधित ग्राहक अस्थायी तौर पर दी गई अनुमति वाले कनेक्शन के अलावा कोई अन्य कनेक्शन स्वीकार नहीं करेगा। संबंधित ग्राहक को किसी भी कीमत की अदायगी पर किसी भी राउटर और सिस्टम से वाईफाई हॉटस्पॉट की अनुमति नहीं दी जाएगी।
इस बीच दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग की। उन्होंने पूछा कि जब वह इतनी दूर आकर यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं से मुलाकात कर सकती हैं, तो मुख्यमंत्री उनसे क्यों नहीं मिल सके। दरअसल, मालीवाल रविवार को मणिपुर पहुंची थीं। उन्होंने दावा किया कि जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था, उन्होंने बताया कि सरकार के किसी नुमाइंदे ने उनसे मुलाकात नहीं की है। मालीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से राज्य का दौरा करने की अपील की।
राज्यपाल अनसुइया उइके से मिलीं मालीवाल
मालीवाल ने राज्यपाल अनसुइया उइके से भी मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने कहा कि मणिपुर जल रहा है। अगर अब कुछ नहीं किया गया तो मणिपुर को बचाना मुश्किल होगा। डीसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने के लिए कहना चाहिए, क्योंकि वह इस पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं।
अब तक 160 लोग मारे गए
मणिपुर में बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' निकाला था। इसके बाद ही राज्य में जातीय हिंसा भड़क गई थी। इसमें कम से कम 160 लोग मारे गए हैं और कई घायल हुए हैं।