25 अक्टूबर 2021
351 फ़ॉलोअर्स
प्रेम है तो श्रृंगार है विरह है वेदना है पर जो भी है सब दिल के करीब है ...💞 मैं और मेरा प्रेमी ही मेरी कलम है, यूँ तो बहुत बड़ी कवियित्री नही हूं, पर प्रेम को अपने काव्य में रखने का शौक पूरा करती हूं। प्रसिद्ध किताबें :- काव्या की काव्यांजली, नारी जीवन दर्पण, काव्यांशी जीवन के रंग, लफ्ज़ों की लहरें, प्रेम डगर, हाल ए दिल......... आशा है रचनाओं में आप जीवन और प्रेम की वास्तविकता को महसूस करेंगे 🙏 काव्या सोनीD
Bhut khub bhaav likhe h.
23 अप्रैल 2022
बढिया
1 जनवरी 2022
Very nice 👌
16 दिसम्बर 2021
एक ही कविता में मिलन और बिछुड़न का एक साथ वर्णन किया है आपने. अगर सिर्फ एक ही चुनते तो और भी अच्छा होता.
24 नवम्बर 2021
बहुत ही सहज तरीके से कवयित्री काव्या जी ने अपनी बात रखी है।कविता का भाव और प्रवाह दोनों ही सुन्दर है।
24 नवम्बर 2021
बढ़िया
17 नवम्बर 2021