shabd-logo

भाग 1

20 नवम्बर 2021

79 बार देखा गया 79
कुसुम.... अरी ओ कुसुम.... कहाँ हैं.... ये लड़की भी ना पता नहीं कहाँ चलीं जाती हैं.... इतनी बड़ी हो गई हैं पर इसका बचपना अभी भी खत्म नही होता.... कुसुम.... कहाँ है बेटा.....।।।।। 

हाउउउउऊ....... 

अचानक पीछे से ऐसी आवाज से आयशा लड़खड़ा गई....।।।। 

हाहाहा..... देखा माँ.... मैनें फिर से आपको डरा दिया...।।। 

आयशा:- इतनी बड़ी हो गई हैं पर ये बचपना अभी तक छोड़ती नहीं हैं.... अरे कल को ससुराल जाएगी तो वहाँ भी अपनी सास के साथ ऐसे ही करेगी क्या....!!!! 

कुसुम:- ससुराल..... भूल जाओ माँ..... मैं कोई शादी वादी नहीं करने वाली.... शादी ही नहीं करुंगी तो ससुराल कहाँ से जाउंगी.... माँ मैं तो अभी ओर पढ़ाई करुंगी.... डाक्टर की पढ़ाई..... देखना माँ मैं बहुत बड़ी डाक्टर बनुंगी.... लोग फोन पर अपाइंटमेंट लेकर मुझसे इलाज करवाएंगे... ये लंबी लंबी लाइन लगीं होगी.... देखना माँ.... फिर आपको और पापा को वर्ल्ड टूर पर लेकर जाउंगी..... ये आसमान को चीरता हुआ अपना प्लेन उड़ेगा....।।।।।। पूरी दुनिया की सैर करेंगे माँ..... कितना मजा आएगा ना माँ.... बस कुछ साल ओर माँ.... फिर आप और पापा..... घर पर आराम करना..... घर के सारे काम करने के लिए नौकर रख लेंगे..... खाना भी हम उनसे ही बनवाएंगे.....फाइव स्टार नहीं माँ.... हम सेवन स्टार होटल में चलेंगे..... खाना खाने.....।।।।। 

आयशा:- बस कर बेटा..... इतना ऊंचे सपने मत देखो की जहाँ से जमीन दिखाई ही ना दे....।।।।। तु जानती हैं ना हम तेरी कालेज की पढ़ाई के लिए ही पैसे कितनी मुश्किल से जमा कर रहे हैं..... डाक्टर की पढ़ाई कितनी मंहगी हैं.... कैसे कराएंगे..... कुछ सोचा हैं....।।। 

अचानक पीछे से रवि :- अरे क्यूँ नहीं कराएंगे..... दिन रात एक कर दुंगा.... लेकिन इसका हर सपना पूरा करुंगा...।।।। 

आयशा:- लो आ गए अभी ये भी..... अभी इससे पहले की तुम दोनों मिलकर मेरा मजाक बनाओ.... मैं तो चलीं अपने किचन में.... तुम दोनों बाप बेटी के बीच में मेरी तो कुछ चलने नहीं वाली हैं...।।।। 

आयशा की बात सुन रवि और कुसुम दोनों खिलखिला कर हंसने लगे..।।।। 

कुसुम:- पापा.... मैने आज फिर से माँ को डरा दिया....।।। 
रवि:- अरे बेटा.... थोड़ा संभाल कर.... कहीं तेरी माँ को अटैक वटैक आ गया तो.... हमें खाना कौन बनाकर खिलाएगा....।।। 

आयशा जो किचन में से ये सब सुन रही थी.... गुस्से में हाथ में बेलन उठाए हुए बाहर आई...।।।। 

आयशा:- अच्छा जी.... मेरी जरूरत इस घर में सिर्फ खाना बनाने के लिए हैं....!!!! और सुन लो..... इतनी आसानी से मरने वाली नहीं हूँ मैं भी.... समझें...।।। 

आयशा पैर पटकते हुए वापस किचन की ओर चल दी....।।।। 

कुसुम और रवि फिर से खिलखिला कर हंस दिए....।।।।। 



कुसुम के घर में हर दिन ऐसे ही खिलखिलाती हुई हंसी गुंजती रहतीं थी..... पैसा भले ही कम था पर जो सुकून और शांति एक परिवार को चाहिए होती हैं... वो भरपूर थी...।।।।।। दो कमरे और एक छोटा सा किचन.... बहुत ही छोटा सा घर.... घर में कोई साजो सामान नहीं था.... सिर्फ जरूरत की चीजे....।।।।। लेकिन सबसे बड़ी चीज जो उस घर में थी..... वो था... प्यार.....।।। एक दूसरे से प्यार...एक दूसरे का सम्मान...एक दूसरे का साथ.....।।।।। 

कुसुम .....दिखने में बहुत ही खुबसूरत... चंचल स्वभाव.... पढ़ाई में अव्वल....।।।। ना सिर्फ घर में अपने पेरेंट्स का.... बल्कि आस पड़ोस में भी सबकी चहेती....।।।।। 

कालेज का पहला ही साल था..... अभी अभी एडमिशन लिया था... पर कालेज में भी.... कुछ ही दिनों में सबका दिल जीत लिया था...।।। 


घर हो.... पड़ोस हो या कालेज..... हर जगह.... उसकी चंचलता.... उसकी खुबसूरती.... उसके अंदाज को पंसद किया जाता था...।।।।। 


लेकिन किसे पता था..... कुसुम की जिंदगी में कितना दर्दनाक तुफान आने वाला था....।।।। तुफान भी ऐसा की सब कुछ बहा कर ले जाएगा..... एक हंसते..... खिलखिलाते परिवार को तबाह कर जाएगा.....।।।।। 


क्या होगा ऐसा.....???? 
इंतज़ार किजिए..... अगले भाग का.... 🙏


जय श्री राम... 🙏🙏



Dinesh Dubey

Dinesh Dubey

बहुत ही सुन्दर

18 जनवरी 2022

Shraddha 'meera'

Shraddha 'meera'

उम्दा शुरुआत बेहतर लिखा आपने 👏👏👏😊

15 दिसम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

15 दिसम्बर 2021

शुक्रिया जी

Pragya pandey

Pragya pandey

शुरुवात बहुत अच्छी है अगले भाग का इंतेज़ार रहेगा 👌👌👌🙏

20 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

20 नवम्बर 2021

शुक्रिया जी.. 🙏

Shailesh singh

Shailesh singh

इस तरह के कथानक पर काफी कहानियां है पर आगे आप किस तरह से अपनी कहानी को अलग साबित करती हैं देखना होगा पहला भाग थोड़ा मुझे औसत लगा

20 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

20 नवम्बर 2021

जी शुक्रिया.... उम्मीद करतीं हूँ.... आगे के भाग आपको औसत से ऊपर लगे.. ☺

वणिका दुबे "जिज्जी"

वणिका दुबे "जिज्जी"

कहानी की शुरुआत काफी बेहतरीन की है लेखिका ने और अंत एक सस्पेंस की तरह अब अगले भाग को पढ़ने का उत्साह चरम पर है |

20 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

20 नवम्बर 2021

जी आपका बहुत बहुत आभार....उम्मीद करतीं हूँ.. आगे का भाग आपको पसंद आए... ☺

7
रचनाएँ
तवायफ़
0.0
तवायफ की जिंदगी को उजागर करतीं.... एक बेहद संवेदनशील और विचारणीय... कहानी....।।।। एक ऐसी लड़की की कहानी.... जो चाहतीं कुछ थी और मिला कुछ...।।।
1

भाग 1

20 नवम्बर 2021
15
5
10

कुसुम.... अरी ओ कुसुम.... कहाँ हैं.... ये लड़की भी ना पता नहीं कहाँ चलीं जाती हैं.... इतनी बड़ी हो ग

2

भाग 2

24 नवम्बर 2021
4
1
0

<div>कुछ दिनों बाद...</div><div>कुसुम के कालेज में..</div><div>अंजलि:- कुसुम तुम लोग भी जा रहे हो क्

3

भाग 3

27 नवम्बर 2021
16
9
2

<div>कुसुम अभी हास्पिटल में थी....। होश में आने के बाद उसे पता चला की उस हादसे में उसका सब कुछ खत्म

4

भाग 4

2 दिसम्बर 2021
3
2
2

कुसुम जैसे तैसे अपने दिन गुजार रहीं थी..। उसे घरों में काम करके जो पैसा मिलता वो उससे अपने खर्चे और

5

भाग 5

7 दिसम्बर 2021
3
1
0

<div>वो एक रात कुसुम की जिंदगी से उसकी बची हुई खुशियाँ भी ले चुकी थी..। ये किरण और केतन की पहले से क

6

भाग 6

11 दिसम्बर 2021
4
1
0

<div>इस भाग में कुछ शब्द कहानी को मद्देनज़र रखते हुए लिखें गए हैं... हो सकता हैं वो आपत्तिजनक लगे...

7

अंतिम भाग

15 दिसम्बर 2021
3
1
0

कुसुम अकेले कमरे में बैठे अपने साथ हुए विश्वासघात के बारे में सोच सोच कर रोती रही...। <div><br>

---

किताब पढ़िए