कुसुम.... अरी ओ कुसुम.... कहाँ हैं.... ये लड़की भी ना पता नहीं कहाँ चलीं जाती हैं.... इतनी बड़ी हो गई हैं पर इसका बचपना अभी भी खत्म नही होता.... कुसुम.... कहाँ है बेटा.....।।।।।
हाउउउउऊ.......
अचानक पीछे से ऐसी आवाज से आयशा लड़खड़ा गई....।।।।
हाहाहा..... देखा माँ.... मैनें फिर से आपको डरा दिया...।।।
आयशा:- इतनी बड़ी हो गई हैं पर ये बचपना अभी तक छोड़ती नहीं हैं.... अरे कल को ससुराल जाएगी तो वहाँ भी अपनी सास के साथ ऐसे ही करेगी क्या....!!!!
कुसुम:- ससुराल..... भूल जाओ माँ..... मैं कोई शादी वादी नहीं करने वाली.... शादी ही नहीं करुंगी तो ससुराल कहाँ से जाउंगी.... माँ मैं तो अभी ओर पढ़ाई करुंगी.... डाक्टर की पढ़ाई..... देखना माँ मैं बहुत बड़ी डाक्टर बनुंगी.... लोग फोन पर अपाइंटमेंट लेकर मुझसे इलाज करवाएंगे... ये लंबी लंबी लाइन लगीं होगी.... देखना माँ.... फिर आपको और पापा को वर्ल्ड टूर पर लेकर जाउंगी..... ये आसमान को चीरता हुआ अपना प्लेन उड़ेगा....।।।।।। पूरी दुनिया की सैर करेंगे माँ..... कितना मजा आएगा ना माँ.... बस कुछ साल ओर माँ.... फिर आप और पापा..... घर पर आराम करना..... घर के सारे काम करने के लिए नौकर रख लेंगे..... खाना भी हम उनसे ही बनवाएंगे.....फाइव स्टार नहीं माँ.... हम सेवन स्टार होटल में चलेंगे..... खाना खाने.....।।।।।
आयशा:- बस कर बेटा..... इतना ऊंचे सपने मत देखो की जहाँ से जमीन दिखाई ही ना दे....।।।।। तु जानती हैं ना हम तेरी कालेज की पढ़ाई के लिए ही पैसे कितनी मुश्किल से जमा कर रहे हैं..... डाक्टर की पढ़ाई कितनी मंहगी हैं.... कैसे कराएंगे..... कुछ सोचा हैं....।।।
अचानक पीछे से रवि :- अरे क्यूँ नहीं कराएंगे..... दिन रात एक कर दुंगा.... लेकिन इसका हर सपना पूरा करुंगा...।।।।
आयशा:- लो आ गए अभी ये भी..... अभी इससे पहले की तुम दोनों मिलकर मेरा मजाक बनाओ.... मैं तो चलीं अपने किचन में.... तुम दोनों बाप बेटी के बीच में मेरी तो कुछ चलने नहीं वाली हैं...।।।।
आयशा की बात सुन रवि और कुसुम दोनों खिलखिला कर हंसने लगे..।।।।
कुसुम:- पापा.... मैने आज फिर से माँ को डरा दिया....।।।
रवि:- अरे बेटा.... थोड़ा संभाल कर.... कहीं तेरी माँ को अटैक वटैक आ गया तो.... हमें खाना कौन बनाकर खिलाएगा....।।।
आयशा जो किचन में से ये सब सुन रही थी.... गुस्से में हाथ में बेलन उठाए हुए बाहर आई...।।।।
आयशा:- अच्छा जी.... मेरी जरूरत इस घर में सिर्फ खाना बनाने के लिए हैं....!!!! और सुन लो..... इतनी आसानी से मरने वाली नहीं हूँ मैं भी.... समझें...।।।
आयशा पैर पटकते हुए वापस किचन की ओर चल दी....।।।।
कुसुम और रवि फिर से खिलखिला कर हंस दिए....।।।।।
कुसुम के घर में हर दिन ऐसे ही खिलखिलाती हुई हंसी गुंजती रहतीं थी..... पैसा भले ही कम था पर जो सुकून और शांति एक परिवार को चाहिए होती हैं... वो भरपूर थी...।।।।।। दो कमरे और एक छोटा सा किचन.... बहुत ही छोटा सा घर.... घर में कोई साजो सामान नहीं था.... सिर्फ जरूरत की चीजे....।।।।। लेकिन सबसे बड़ी चीज जो उस घर में थी..... वो था... प्यार.....।।। एक दूसरे से प्यार...एक दूसरे का सम्मान...एक दूसरे का साथ.....।।।।।
कुसुम .....दिखने में बहुत ही खुबसूरत... चंचल स्वभाव.... पढ़ाई में अव्वल....।।।। ना सिर्फ घर में अपने पेरेंट्स का.... बल्कि आस पड़ोस में भी सबकी चहेती....।।।।।
कालेज का पहला ही साल था..... अभी अभी एडमिशन लिया था... पर कालेज में भी.... कुछ ही दिनों में सबका दिल जीत लिया था...।।।
घर हो.... पड़ोस हो या कालेज..... हर जगह.... उसकी चंचलता.... उसकी खुबसूरती.... उसके अंदाज को पंसद किया जाता था...।।।।।
लेकिन किसे पता था..... कुसुम की जिंदगी में कितना दर्दनाक तुफान आने वाला था....।।।। तुफान भी ऐसा की सब कुछ बहा कर ले जाएगा..... एक हंसते..... खिलखिलाते परिवार को तबाह कर जाएगा.....।।।।।
क्या होगा ऐसा.....????
इंतज़ार किजिए..... अगले भाग का.... 🙏
जय श्री राम... 🙏🙏