अर्जुन उवाच एवं सततयुक्ता ये भक्तास्त्वां पर्युपासते । ये चाप्यक्षरमव्यक्तं तेषां के योगवित्तमाः ॥ (१) भावार्थ : अर्जुन ने पूछा - हे भगवन! जो विधि आपने बतायी है उसी विधि के अनुसार अनन्य भक्ति से आप
“भक्ति के साधन” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग से लिया गया है। इसमें स्वामी जी बता रहे हैं कि भगवान रामानुज की वेदान्त-सूत्र व्याख्या के अनुसार भक्ति के साधन क्या-क्या है
“इष्टनिष्ठा” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्तियोग से लिया गया है। इसमें स्वामी जी इष्टनिष्ठा के सिद्धांत की चर्चा कर रहे हैं और इसके महत्व का वर्णन कर रहे हैं। वे बता रहे हैं कि
“मंत्र” नामक यह अध्याय स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध पुस्तक भक्ति योग से लिया गया है। इसमें स्वामी जी बता रहे हैं कि मंत्र क्या है, इसकी क्या आवश्यकता है और ॐकार का क्या रहस्य है। मंत्रों की शक्ति को ज