गौरैया का आशियाना
मेरे घर के सामने वाले लॉन में एक गौरैया कई दिनों से घोसला बनाने की कोशिश में जुटी थी। रोज एक-एक तिनका जोड़ कर वह अपना आशियाना बना रही थी। उसकी चहचहाहट का आदि होने लगा था मैं। उसमें अपने अक्स को देखता था। हम दोनों का संधर्ष एक ही जैसा तो था। मैं भी कई महीनों से नया ठिकाना ढूंढ रहा था। ऐसा लगता इस अंजा