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भारतीय संस्कृति की विशेषतायें!

27 अक्टूबर 2015

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भारत, मानव जाति का पालना  है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की  महा मातामही , मानवीय इतिहास की  सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेन

भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP) संगठन के अनुसार, "भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक है,  भारतीय सभ्यता करीबन 4500 साल पुरानी हैं।" संस्कृतियों की जननी कही जाने वाली भारतीय संस्कृति को कई स्रोतों में "सा प्रथमा संस्कृति विश्ववारा” के रूप में वर्णित किया गया हैं।

भारतीय संस्कृति अपने आप में अनूठी संस्कृति हैं, जिसमे प्यार, सम्मान, दूसरों की भावनाओं का ध्यान रखना जैसी विशेषताओं को अपने में समेटे हुए हैं । भारतीय मूल्यों एवं आधारभूत तत्वों में ऐसी निरंतरता हैं जिसके कारण, लोग अपने को इस सभ्यता से जुड़ा हुआ महसूस करते है। विभिन्न देशों में बसें भारतीय मूल के लोग, भारत के आर्थिक विकास में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तथा ये निरंतर इस जुड़ाव को किसी न किसी रूप में महसूस करते हैं। आज भारत, लगभग कई क्षेत्रों में प्रगति हासिल कर विश्व की अगुवाई कर रहा हैं चाहे वो वास्तुकलाका क्षेत्र, गणित, विज्ञान और प्रोद्योगिकी और आयुर्वेद। अतः विश्व पटल पर हम भारत की भूमिका को  नज़र अंदाज़ नहीं कर सकते हैं। 


सीआईए वर्ल्ड फैक्टबुक के अनुसार, 1.2 अरब जनसँख्या वाला ये देश, बहुत ही विविध देश है। भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं में से कुछ हैं-भाषा, धर्म, भोजन और कला। भारतीय सभ्यता अपने आप में अद्वितीय हैं तथा इसके संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी प्रत्येक भारतवासी की है। 

सुखमंगल सिंह

सुखमंगल सिंह

साहित्य और भाषा के साथ साथ अपनी संस्कृति ,ओना शिल्प, अपनी संगीतकला के पुनरुत्थान की प्रबलता की आवश्यकता होती है | लोगों में चित्रकला मूर्तिकला ,भवन निर्माण कला ,संगीत कला आदि में दस्तचित्त देखा जाता है |- हिंदी साहित्य के इतिहास से साभार | परन्तु आज के तथाकथित लोकतंत्र के रक्षक कहे जाने वाले लोगों में भाषा के प्रति सजगता संप्रेषण की क्षमता में गिरावट दर्ज की जा रही है

28 अक्टूबर 2017

वर्तिका

वर्तिका

उत्साहवर्धन के लिए, बहुत धन्यवाद ओम प्रकाश जी!

2 नवम्बर 2015

ओम प्रकाश शर्मा

ओम प्रकाश शर्मा

बिल्कुल सच कहा, 'भारतीय सभ्यता अपने आप में अद्वितीय हैं तथा इसके संरक्षण एवं संवर्धन की जिम्मेदारी प्रत्येक भारतवासी की है'............. अति सुन्दर लेख !

30 अक्टूबर 2015

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नन्ही सी बिटिया!

16 सितम्बर 2015
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नन्ही सी बिटिया,बांधे छोटी सी चुटिया,साईकिल पर है सवार,हंसते- खेलते जाने को स्कूल है तैयार,निकल पड़ी हैं, ऊँची-नीची राह पर,सबसे लोहा लेने को है तैयार,पढ़-लिख कर ये बिटिया करेगी,सबके सपने साकार,इक दिन, ये बिटिया बड़ी हो जायेगी,अपने परिवार का नाम रोशन करवाएगी,समाज में अपनी पहचान बनाएगी,शादी कर अपने ससुरा

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गणेश-वंदना

17 सितम्बर 2015
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गणेश चतुर्थी के अवसर पर प्रथम पूज्य भगवान "श्री गणेश" की आराधना, गणेश वंदना के साथ कीजिये। आप सभी को, गणेश चतुर्थी की हार्दिक बधाई।गणनायकाय गणदेवताय गणाध्यक्षाय धीमहि ।गुणशरीराय गुणमण्डिताय गुणेशानाय धीमहि ।गुणातीताय गुणाधीशाय गुणप्रविष्टाय धीमहि ।एकदंताय वक्रतुण्डाय गौरीतनयाय धीमहि ।गजेशानाय भालचन्

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महिला सुरक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास: वूमन पावर लाइन १०९०

18 सितम्बर 2015
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उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए वूमन पावर लाइन १०९० कॉल सेंटर शुरू कर दिया गया हैं। प्रदेश में महिला सुरक्षा की चिंताजनक हालत देखते हुए, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वूमन पावर लाइन १०९० कॉल सेंटर की शुरुवात की है। इस वूमन पावर लाइन १०९० के जरिये, महिलाएं इस नम्बर पर

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तब याद आता है बचपन!

19 सितम्बर 2015
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यादों के भंवर से ,पीछे मुड़ कर देखते हूँ तब याद आता है बचपन,रोजमर्रा ज़िन्दगी से जब ऊब जाती हूँ, तब मुस्कराता है बचपन,स्वछंद हंसी देखती हूँ,तो नटखट ढंग से लजाता है बचपन,चॉकलेट और टॉफ़ी देखती हूँतो मनचले सा मचल जाता है बचपनबस्ता टाँगे, कॉपी लिए किसी बच्चे को जाते देखते हूँ,तब याद आता हैं बचपन,खेल-खिलौन

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मन का दीपक!

24 सितम्बर 2015
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जब कभी जीवन में अंधियारा छाए कहीं,मन के दीपक तुम जलते रहना,जब कभी मार्ग में बाधा आये कोई,मन के दीपक तुम निस्तेज न होना,जीवन पथ पर काटें बिछ जाएं कभी,मन के दीपक, तुम मुस्कुराते रहना,भीषड़ आँधियों में और बारिशों में,अपनी लौ बुझने न देना,मन के दीपक, तुम्हारी शक्ति हो ऐसी,तुम ज़िन्दगी की मुश्किलों से जूझत

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सत्य और अहिंसा की आंधी, महात्मा गांधी के प्रेरक उद्घोष!

1 अक्टूबर 2015
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हर साल, २ अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है। गुजरात के पोरबन्दर में जन्में, महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता के रूप में जाना जाता है। स्वंत्रता संग्राम में, उनके अभूतपूर्व योगदान को हमेशा याद किया जायेगा। "सत्य और अहिंसा" का उद्घोष, न केवल उन्होंने दिया बल्कि उसे अपने जीवन में जिया भी है। ऐसी महान हस

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नवरात्रि क्विज़!

13 अक्टूबर 2015
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नवरात्रि के इस पावन पर्व पर आप सभी को बहुत मंगल कामनाएं! तो आइये इस पर्व पर खेलते हैं नवरात्रि क्विज़, इस क्विज़ के द्वारा मैं आपसे रोज़ नवरात्रि सम्बंधित सवाल पूछना चाहूँगी। इस क्विज़ में भाग लेकर, प्रश्नो के उत्तर दीजिये।  आज का सवाल: नवरात्रि के प्रथम दिन, हम दुर्गा के किस रूप की पूजा करते है?

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कालिज स्टूडैंट (हास्य कविता)- काका हाथरसी

14 अक्टूबर 2015
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फादर ने बनवा दिये तीन कोट¸ छै पैंट¸लल्लू मेरा बन गया कालिज स्टूडैंट।कालिज स्टूडैंट¸ हुए होस्टल में भरती¸दिन भर बिस्कुट चरें¸ शाम को खायें इमरती।कहें काका कविराय¸ बुद्धि पर डाली चादर¸मौज कर रहे पुत्र¸ हडि्डयां घिसते फादर।पढ़ना–लिखना व्यर्थ हैं¸ दिन भर खेलो खेल¸होते रहु दो साल तक फस्र्ट इयर में फेल।फस

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सदगुणों की कीर्ति

20 अक्टूबर 2015
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एक व्यक्ति बहुत नकारात्मक चिंतन का था। उसे संसार में, हर जगह बुरा ही दिखाई पड़ता था। एक दिन उसे समाचार मिला कि , शहर में रहने वाले एक भोले व्यक्ति के साथ कुछ दुर्घटना घट गयी। यह जानकर वह अपने मित्र से बोला-"मित्र! लगता है कि  इस संसार में दुर्जनो का ही बोलबाला है। सज्जनों को तो लोग प्रताड़ित ही करते ह

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भारतीय संस्कृति की विशेषतायें!

27 अक्टूबर 2015
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भारत, मानव जाति का पालना  है, मानव वाणी का जन्मस्थान, इतिहास की जननी, किंवदंतीयों की मातामही, और परंपरा की  महा मातामही , मानवीय इतिहास की  सबसे मूल्यवान और शिक्षाप्रद वस्तुएं भारत में ही निहित है। -मार्क ट्वेनभारतीय संस्कृति विश्व की सबसे समृद्ध संस्कृति मानी जाती है।अखिल विश्व गायत्री परिवार (AWGP

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स्वच्छ जल की समस्या!

28 अक्टूबर 2015
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जल जीवन का आधार है। सचमुच जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसीलिए कहा जाता हैं <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:V

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स्वच्छ जल की समस्या!

29 अक्टूबर 2015
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जल जीवन का आधार है। सचमुच जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती इसीलिए कहा जाता हैं <!--[if gte mso 9]><xml> <w:WordDocument> <w:View>Normal</w:View> <w:Zoom>0</w:Zoom> <w:TrackMoves></w:TrackMoves> <w:TrackFormatting></w:TrackFormatting> <w:PunctuationKerning></w:PunctuationKerning> <w:V

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हंसी के रसगुल्ले !

5 नवम्बर 2015
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रामू नहा रहा था, रामू की पत्नी– ई का जी, बलवा के साथे – साथे शैम्पूआकन्धवा पर काहे लगा रहेहैं, एकदम पगले है का ??रामू– तु पागल, तोराबाप पागल, तोरा पुराखानदान पागल….. देखतीनहीं है शैम्पूआ पर कालिखा है…हेड्स & शोल्डर्स! रेलवे TC:- बाबा कहाँ जाओगे ?साधु बाबा : -जहाँ राम का जन्म हुआ था .TC: टिकट दिखाओ

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ताकि हँसता खिलखिलाता रहे, बचपन!

27 नवम्बर 2015
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जिंदगी का लुत्फ़!

12 जनवरी 2016
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कुछ अधूरे से ख्वाब,कुछ अनकही बातें,कुछ मुश्किल हालत, न हो तो #ज़िन्दगी  बेज़ार हो जाएँ ,ज़िन्दगी जीने का लुत्फ़ तभी हैं जनाब,जब ज़िन्दगी में हो चुनौतियां हज़ार, फिर भी, होठों पर हो ऐसी मुस्कानकी शरमा जायें आफताब।   

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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

18 जनवरी 2016
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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

18 जनवरी 2016
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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया

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कलयुग में अब ना आना रे प्यारे कृष्ण कन्हैया,तुम बलदाऊ के भाई यहाँ हैं दाउद के भैया।।दूध दही की जगह पेप्सी, लिम्का कोकाकोलाचक्र सुदर्शन छोड़ के हाथों में लेना हथगोलाकाली नाग नचैया। कलयुग में अब. . .।।गोबर को धन कहने वाले गोबर्धन क्या जानेंरास रचाते पुलिस पकड़ कर ले जाएगी थानेलेन देन क

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