ठंड का महीना था बादशाह अकबर बाग में घूम रहे थे ,तभी एक पक्षी उनके हाथ पर बिट कर देता है तो हाथ गंदा हो जाने के कारण बादशाह हाथ धोने के लिए पानी मंगवाते है , पानी इतना ठंडा था की हाथ पर डालते ही बादशाह की सिसकारी निकल जाती है तो वहां खड़ा एक सैनिक हंस देता है तो बादशाह को बहुत क्रोध आता है और उसे रात में महल के अंदर बने कुंड में पूरी रात उसी में खड़े रहने का दंड सुनते हैं ,*"!!
वह सिपाही बादशाह के चरणों में गिरकर माफी मांगता है तो भी नही मानते है ,*"!!
बीरबल को भी बादशाह की यह बात अच्छी नही लगती है पर उनके सामने उस वक्त बोलना उचित नहीं समझा,*"!!!
उस रात वह सिपाही पूरी रात ठिठुरता हुआ पानी में खड़ा रहा , !!!
सुबह बीरबल के साथ बादशाह तालाब के पास आते हैं तो वह सिपाही वही खड़ा था वह बादशाह को प्रणाम करता है तो बादशाह उसे देख पूछते हैं ,*" अरे तुम सही सलामत हो तुम्हे ठंड नही लगी ,*"!!
वह कहता है *" बादशाह सलामत ओ सामने लगे मशाल की रोशनी मुझे गर्मी देती रही , इसी वजह से ठंड का अहसास नही हुआ ,*"!!
बादशाह अकबर को उसकी इस बात से बहुत गुस्सा आता है , वह कहते हैं ,*" तुमने मशाल के रोशनी की गर्मी लेकर हमारे दंड की तौहीन की है , हम तुम्हे मृत्यु दण्ड देते हैं , *"!!
वह बेचारा माफी मांगने लगता हैं, पर बादशाह अकबर वहां से चले जाते है ,*"!!
वह सिपाही बीरबल के पैरो पर गिर पड़ता हैं ,और बचाने की गुहार लगाने लगा ,बीरबल उसकी ओर देखते हैं और चले जाते हैं ,*"!!
शाम को बीरबल दरबार में नही आते तो बादशाह उनके बारे में पूछते हैं तो पता चलता है बीरबल एक विशेष खिचड़ी बना रहे है जिसके खाने से शरीर बहुत ही मजबूत हो जाएगा ,*"!!!
दूसरे दिन सुबह भी बीरबल नही आते हैं बादशाह के पूछने पर फिर वही बात पता चलती है ,*"!!
शाम होती है तब भी बीरबल नही आते हैं तो बादशाह अकबर से रहा नही जाता और कहते हैं *" कौन सी खिचड़ी बीरबल बना रहे हैं जो अभी तक नही पकी कहां बन रही है खिचड़ी मैं भी तो देखूं,*"!!!
बादशाह अकबर बीरबल के महल के पास जाते है तो देखते हैं एक बहुत ही ऊंचे पेड़ की डाल पर एक मटकी लटकी है ,और बीरबल उसके नीचे जमीन पर चूल्हे में आग जलाए हुए हैं ,*"!!!
बादशाह अकबर बीरबल से पूछते हैं ,*" ये क्या कर रहे हों बीरबल ,*"!!!
बीरबल उन्हे देख प्रणाम कर कहते हैं, ** बादशाह हुज़ूर मैं खिचड़ी बना रहा हूं ,*"!!
बादशाह कहते हैं *" ये क्या बेवकूफी कर रहे हो भला इतनी दूर से मटकी में आंच पहुंचेगी , तुम्हारी खिचड़ी तो कभी भी नही पक सकती है ,*"!!!
बीरबल तपाक से कहते हैं *" जनाब जब सिपाही को उतने दूर से मशाल की गर्मी मिल सकती है तो यह तो फिर भी पास है मेरी खिचड़ी भी जरूर पक जायेगी ,*"!!
बादशाह अकबर को अपनी गलती का एहसास होता है ,वह बीरबल को गले लगा कर कहते हैं*" मुझे मुआफ़ करो मित्र मैं उसके हसी से खुद की बेइज्जती समझ अपना गुस्सा उस पर उतार रहा था ,*"!!
बादशाह अकबर बीरबल के साथ उस सैनिक के पास जाकर उसे माफ करते हैं और उसे इनाम भी देते हैं,*"!!