नियति ने रचा यह चक्र है,प्रकृति से छेड़छाड़ करने पर,उसकी दृष्टि हम पे वक्र है ,नियति का रचा यह चक्र है।उसको करने चले थे खामोश, परिणाम उसी का है ये किआज हम भी है खामोश।
कहा जाता है की प्राचीन समय के अंदर जब राक्षसों का अत्याचार दैवताओं पर बहुत अधिक बढ़ गया तो सारे देवता भगवान विष्णु के पास पहुंचे और राक्षसों से बचाने का आग्रह करने लगे । तब भगवान विष्णु के पास भी ऐसा कोई अस्त्र नहीं था कि वे राक्षसों का वध कर सकें । इस वजह से भगवान