ट्रेन के अंदर की भीड़ के ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने का जो कौशल इन “नमकीन व नारियल” बेचने वालों के पास होता है
वो तो ‘अभिमन्यु’ के पास भी नहीं था।
15 अप्रैल 2016
ट्रेन के अंदर की भीड़ के ‘चक्रव्यूह’ को तोड़ने का जो कौशल इन “नमकीन व नारियल” बेचने वालों के पास होता है
वो तो ‘अभिमन्यु’ के पास भी नहीं था।