लाइफ़टाइम वारण्टी
(चाणक्य का लव-फ़ेलियर के आगे)चाणक्य ने विचारमग्न होकर टहलना आरम्भ कर दिया। थोड़ी देर बाद महागुप्तचर वक्रदृष्टि लौटा तो उसके हाथ में एक गिलास पानी था।एक गिलास पानी देखकर चाणक्य ने कुपित स्वर में कहा- 'महागुप्तचर, धीरे-धीरे आप कामचोर क्या, महाकामचोर होते जा रहे हैं। एक घड़ा पानी माँगा तो एक गिलास पानी ले