अडानी एक उद्योगपति जो अभी-अभी बहुत चर्चा में आए हैं ।
कारण भारत में उनका निवेश, किसानों का आंदोलन बहुत दिनों तक चला। उसमें भी भारतीय किसानों ने विरोध किया की मैं अपनी जमीन किसी उद्योगपति को नहीं देगे। उद्योगपति आज सभी सरकारी कामों में निवेश कर रहे हैं और धीरे-धीरे सभी सरकारी डिपार्टमेंट निजी हाथों में जा रहे हैं। वैसे भी भारत में बेरोजगारी बहुत ज्यादा है सभी उद्योगपतियों के हाथों में सब रोजगार चले जाएंगे तो छोटे छोटे काम करने वाले लोगों का क्या होगा? माल संस्कृति की आड़ में यह देश पर अपनी मनमानी करेंगे। गरीब और गरीब होगा ,अमीर और अमीर होगा,। अतः जरूरत है आज इस बात की कि सरकार जो सारी चीजें निजी हाथों में दे रही है उससे समाज पर क्या असर पड़ेगा इसका आकलन भी होना चाहिए। सिर्फ कुछ थोड़े से लोगों के हाथों में पूरे देश को दे देना कहां तक ठीक है। जबकि भारत में लोग छोटे-छोटे रोजगार करके अपना गुजारा कर रहे हैं। और कोई भी उद्योगपति किसी चीज में निवेश करता है तो वह अपना फायदा देखता है। उसे आम आदमी की परेशानियों से क्या मतलब है? विरोध के स्वर हो रहे हैं पर फिर भी अगर यह उद्योग पति समाज हित में काम करें, रोजगार दे ,। तो उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। सरकार को कुछ ऐसे नियम बनाने चाहिए जिससे समाज में सकारात्मकता आये।