मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री सुर्खियों में अपने विवादित बयान के कारण है,। कहा जाता है कि वे अंधविश्वास को बढ़ावा दे रहे हैं। आखिर क्या है अंधविश्वास? किसी पर बिना जाने सोचे अपने तर्क बुद्धि से विचार किए बिना विश्वास कर लेना अंधविश्वास है। भगवान ने मनुष्य को बुद्धि दी है इसलिए कि हम सोच समझकर चीजों को समझ कर ही विश्वास करें, यह नहीं कि आंख मूंदकर किसी भी बात पर विश्वास कर ले कि यह सही है।
भगवान में आस्था अलग बात है,। सर्वशक्तिमान में आस्था हमें जीवन की कठिनाइयों ,जीवन की परेशानियों, व समस्याओं को सुलझाने में मदद करती है। मीरा की मजबूत आस्था ने पत्थर में कृष्ण पैदा कर दिए। लेकिन अंधविश्वास के नाम पर लोगों की आस्था व उनके विश्वास का मजाक उड़ाना कहां तक सही है? भोले भाले लोगों को कुछ लोग ऐसे ही ठगते हैं। मनुष्य में कमजोरियां हो सकती हैं। अतः आजकल बाबाओं पर विश्वास करना सही नहीं है। भूत प्रेत दरबार लगाना जैसे अंधविश्वास
लोगों को डराते हैं। धर्म का मतलब है धारण करना। धर्म प्रेम करना सिखाता है लड़ना नहीं। धर्म हमें अच्छी बातें ग्रहण करने की शिक्षा देता है। कट्टरता की आवरण में धर्म धर्म नहीं रह जाता। हम हिंदू धर्म के मानने वाले हैं जो विश्व का सार्वभौम
वैदिक धर्म है। हमारे धर्म में सभी धर्मों की अच्छी बातें समावेशित हैं। अतः जरूरत है कि हम अंधविश्वासों से दूर रहें
व लोगों को भी जागरूक करें।
(© ज्योति,)