आज का दिन बलिदान दिवस के रूप में मनाया जाता है। आज महात्मा गांधी की 75 वी पुण्यतिथि है। भारत माता के यह सपूत आज के दिन ही नाथूराम गोडसे की गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हो गए थे। आजादी का ,अहिंसा का सिपाही हिंसा का शिकार हो गया था। उनकी याद में हम हमेशा 30 जनवरी को बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं। जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था तो इस देश की आन, मान ,बान पर
बहुत सारे लोग ,बहुत सारे क्रांतिकारी शहीद हो गए। उनकी शहादत हमें हमेशा याद रहे ।उनका बलिदान हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहे ,और हम अपने देश के लिए हमेशा जिए और मरे।
आज का दिन वह दिन है जब हम देश के शहीद और बलिदान होने वाले महापुरुषों को याद करें उनके कार्यों को अपनी नव युवा पीढ़ी को बताएं। ताकि हमारी पीढ़ी स्वतंत्रता का मूल्य स
मझ सके,वह समझ सके की आज जो आजादी उसे मिली है।
वह अनमोल है, उसे प्राप्त करने के लिए हमने कितना संघर्ष किया है। हम कितने ही बड़े हो देश से बड़े नहीं हो सकते। हमें समझना होगा की धर्म ,जाति, लिंग, छोटे ,बड़े यह जो भी भेदभाव हम करते हैं वह सब हमारे देश की एकता को खत्म करते हैं। अंग्रेजों ने हम पर शासन किया क्योंकि हम विभाजित थे। फूट डालो और राज करो की नीति ने हमारे देश को गुलाम बना दिया। अतः जरूरत है कि आज भी हम इन सबसे ऊपर उठे और अपने भारतीय होने का फर्ज अदा कर भारतीय एकता से फूट डालने वाली राजनीति करने वालों को सबक सिखाएं।
हमारा देश बलिदानों से भरा हुआ है उन लोगों के जिन्होंने पंथ मज़हब, संप्रदाय धर्म से ऊपर उठकर पूरे देश में अपने बलिदान से एक नया जोश, एक नई ऊर्जा पैदा की जिसके कारण हम आजाद हो पाए। अतः जरूरत है संकल्प की ताकि हम देश के गौरव ,सम्मान ,स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाए रख सके और विभाजन कारी प्रवृत्तियों को माकूल जवाब दे सके। यही बलिदान दिवस की सार्थकता है की हमारे देशवासियों का बलिदान व्यर्थ न जाए,। हमारे नव युवा जोश में होश रखकर देश के लिए जीएं। भौतिकता की चाह में वे गलत मार्ग ना पकड़ ले और अपने ही देशवासियों पर गोली चलाये। अतः जरूरत है ऐसी शिक्षा की जो देश के इन नव युवा को संस्कार दे सके व देशभक्त बनाएं। यही देश के बलिदानी यो को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। तभी हम बापू के सपनों का भारत बना पाएंगे।
(©ज्योति)