एक बार दो भाई, रोहित और मोहित थे। वे 9 वीं कक्षा के छात्र थे और एक ही स्कूल में पढ़ते थे। उनकी ही कक्षा में अमित नाम का भी एक छात्र था जो बहुत अमीर परीवार से था।
कलाई घड़ी Wrist watchएक दिन अमित अपने जन्मदिन पर बहुत महंगी घड़ी पहन कर स्कूल आया, सभी उसे देख कर बहुत चकित थे। हर कोई उस घड़ी के बारे में बातें कर रहा था ,कि तभी किसी ने अमित से पुछा ,
“यार , ये घड़ी कहाँ से ली ? “
” मेरे भैया ने मुझे जन्मदिन पर ये घड़ी गिफ्ट की है । ” , अमित बोला।
यह सुनकर सभी उसके भैया की तारीफ़ करने लगे , हर कोइ यही सोच रहा था कि काश उनका भी ऐसा कोई भाई होता।
मोहित भी कुछ ऐसा ही सोच रहा था , उसने रोहित से कहा , ” काश हमारा भी कोई ऐसा भाई होता !”
पर रोहित की सोच अलग थी , उसने कहा , ” काश मैं भी ऐसा बड़ा भाई बन पाता !”
वर्ष गुजरने लगे। धीरे – धीरे, मोहित अपनी जरूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर रहने लगा क्योंकि उसने खुद को इस प्रकार विकसित किया और रोहित ने मेहनत की और एक सफल आदमी बन गया , क्योंकि वह दूसरों से कभी कोई उम्मीद नहीं रखता था , बल्की ओरों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहता था।
तो दोस्तों, अंतर कहाँ था? वे एक ही परिवार से थे। वे एक ही वातावरण में पले-बढे और एक ही प्रकार की शिक्षा प्राप्त की। अंतर उनके दृष्टिकोण में था। हमारी सफलता और विफलता हमारे दृष्टिकोण पर काफी हद तक निर्भर करती है। और इसका प्रमाण आस-पास देखने पर आपको दिख जाएगा। चूँकि ज्यादातर लोग मोहित की तरह ही सोचते हैं इसलिए दुनिया में ऐसे लोगों की ही अधिकता है जो एक एवरेज लाइफ जी रहे हैं। वहीँ , रोहित की तरह सोच रखने वाले लोग कम ही होते हैं इसलिए सामाज मे भी सक्सेसफुल लाइफ जीने वाले लोग सीमित हैं। अतः हमें हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए पूरी कोशिश करनी चाहिए और नकारात्मकता से बचना चाहिए। क्योंकि वो हमारा दृष्टिकोण ही है जो हमारे जीवन को परिभाषित करता है और हमारे भविष्य को निर्धारित करता है।