*कहानी- शांति की खोज*
✍️एक बार एक मछुआरा समुद्र किनारे आराम से छांव में बैठा था। तभी एक बिजनैसमैन वहाँ से गुजरा और उसने मछुआरे से पूछा.... "तुम काम करने के बजाय आराम क्यों फरमा रहे हो?"
इस पर गरीब मछुआरे ने कहा...
"मैं आज के लिये पर्याप्त मछलियाँ पकड़ चुका हूँ।"
यह सुनकर बिज़नेसमैन गुस्से में आकर बोला... "यहाँ बैठकर समय बर्बाद करने से बेहतर है कि तुम क्यों ना और मछलियाँ पकड़ो।"
मछुआरे ने पूछा... "और मछलियाँ पकड़ने से क्या होगा ?"
बिज़नेसमैन... "उन्हे बेंचकर तुम और ज्यादा पैसे कमा सकते हो और एक बड़ी बोट भी ले सकते हो।"
मछुआरा... "उससे क्या होगा ?"
बिज़नेसमैन... "उससे तुम समुद्र में और दूर तक जाकर और मछलियाँ पकड़ सकते हो और ज्यादा पैसे कमा सकते हो।"
मछुआरा... "उससे क्या होगा ?"
बिज़नेसमैन... "तुम और अधिक बोट खरीद सकते हो और कर्मचारी रखकर और अधिक पैसे कमा सकते हो ।"
मछुआरा... "उससे क्या होगा ?"
बिज़नेसमैन... "उससे तुम मेरी तरह अमीर बिज़नेसमैन बन जाओगे ।"
मछुआरा... "उससे क्या होगा ?"
बिज़नेसमैन... "अरे बेवकूफ उससे तू अपना जीवन शांति से व्यतीत कर सकेगा।"
मछुआरा... "तो आपको क्या लगता है, अभी मैं क्या कर रहा हूँ ?!!"
बिज़नेसमैन निरुत्तर हो गया।
*शिक्षा-* शांति पैसे या किसी वस्तु से नहीं खरीदी जा सकती। शांति हमारी खुद की संपत्ति है, जिसे कोई नहीं छीन सकता।