*आशा*
एक राजा ने दो लोगों को मौत की सजा सुनाई ।
उसमें से एक यह जानता था कि राजा को अपने घोड़े से बहुत ज्यादा प्यार है ।
उसने राजा से कहा कि यदि मेरी जान बख्श दी जाए तो मैं एक साल में उसके घोड़े को उड़ना सीखा दूँगा ।
यह सुनकर राजा खुश हो गया कि वह दुनिया के इकलौते उड़ने वाले घोड़े की सवारी कर सकता है ।
दूसरे कैदी ने अपने मित्र की ओर अविश्वास की नजर से देखा और बोला, तुम जानते हो कि कोई भी घोड़ा उड़ नहीं सकता !
तुमने इस तरह पागलपन की बात सोची भी कैसे ?
तुम तो अपनी मौत को एक साल के लिए टाल रहे हो ।
पहला कैदी बोला, ऐसी बात नहीं है ।
मैंने दरअसल खुद को स्वतंत्रता के चार मौके दिए हैं ..
पहली बात राजा एक साल के भीतर मर सकता है !
दूसरी बात मैं मर सकता हूं !
तीसरी बात घोड़ा मर सकता है !
और चौथी बात… हो सकता है, मैं घोड़े को उड़ना सीखा दूं !!
कहानी की सीख
*बुरी से बुरी परिस्थितियों में भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए।*