*पिता का प्यार*
*✍️पढ़ाई पूरी करने के बाद एक छात्र किसी बड़ी कंपनी में नौकरी पाने की चाह में इंटरव्यू देने के लिए पहुंचा....*
*छात्र ने बड़ी आसानी से पहला इंटरव्यू पास कर लिया...*
*अब फाइनल इंटरव्यू कंपनी के डायरेक्टर को लेना था...और डायरेक्टर को ही तय करना था कि उस छात्र को नौकरी पर रखा जाए या नहीं...*
*✍️डायरेक्टर ने छात्र का सीवी (curricular vitae) देखा और पाया कि पढ़ाई के साथ- साथ यह छात्र ईसी (extra curricular activities) में भी हमेशा अव्वल रहा...*
*✍️डायरेक्टर- "क्या तुम्हें पढ़ाई के दौरान कभी छात्रवृत्ति (scholarship) मिली...?"*
*छात्र- "जी नहीं..."*
*डायरेक्टर- "इसका मतलब स्कूल-कॉलेज की फीस तुम्हारे पिता अदा करते थे.."*
*छात्र- "जी हाँ , श्रीमान ।"*
*डायरेक्टर- "तुम्हारे पिताजी क्या काम करते है?"*
*छात्र- "जी वो लोगों के कपड़े धोते हैं..."*
*यह सुनकर कंपनी के डायरेक्टर ने कहा- "ज़रा अपने हाथ तो दिखाना..."*
*छात्र के हाथ रेशम की तरह मुलायम और नाज़ुक थे...*
*डायरेक्टर- "क्या तुमने कभी कपड़े धोने में अपने पिताजी की मदद की...?"*
*छात्र- "जी नहीं, मेरे पिता हमेशा यही चाहते थे कि मैं पढ़ाई करूं और ज़्यादा से ज़्यादा किताबें पढ़ूं...*
*हां , एक बात और, मेरे पिता बड़ी तेजी से कपड़े धोते हैं..."*
*डायरेक्टर- "क्या मैं तुम्हें एक काम कह सकता हूं...?"*
*छात्र- "जी, आदेश कीजिए..."*
*डायरेक्टर- "आज घर वापस जाने के बाद अपने पिताजी के हाथ धोना...फिर कल सुबह मुझसे आकर मिलना..."*
*छात्र यह सुनकर प्रसन्न हो गया...उसे लगा कि अब नौकरी मिलना तो पक्का है,*
*तभी तो डायरेक्टर ने कल फिर बुलाया है...*
*✍️छात्र ने घर आकर खुशी-खुशी अपने पिता को ये सारी बातें बताईं और अपने हाथ दिखाने को कहा...*
*पिता को थोड़ी हैरानी हुई...लेकिन फिर भी उसने बेटे की इच्छा का मान करते हुए अपने दोनों हाथ उसके हाथों में दे दिए...*
*छात्र ने पिता के हाथों को धीरे-धीरे धोना शुरू किया। कुछ देर में ही हाथ धोने के साथ ही उसकी आंखों से आंसू भी झर-झर बहने लगे...*
*पिता के हाथ रेगमाल (emery paper) की तरह सख्त और जगह-जगह से कटे हुए थे...*
*यहां तक कि जब भी वह कटे के निशानों पर पानी डालता, चुभन का अहसास पिता के चेहरे पर साफ़ झलक जाता था...।*
*छात्र को ज़िंदगी में पहली बार एहसास हुआ कि ये वही हाथ हैं जो रोज़ लोगों के कपड़े धो-धोकर उसके लिए अच्छे खाने, कपड़ों और स्कूल की फीस का इंतज़ाम करते थे...*
*पिता के हाथ का हर छाला सबूत था उसके एकेडैमिक कैरियर की एक-एक कामयाबी का...*
*पिता के हाथ धोने के बाद छात्र को पता ही नहीं चला कि उसने उस दिन के बचे हुए सारे कपड़े भी एक-एक कर धो डाले...*
*उसके पिता रोकते ही रह गए , लेकिन छात्र अपनी धुन में कपड़े धोता चला गया...*
*उस रात बाप- बेटे ने काफ़ी देर तक बातें कीं ...*
*✍️अगली सुबह छात्र फिर नौकरी के लिए कंपनी के डायरेक्टर के ऑफिस में था...*
*✍️डायरेक्टर का सामना करते हुए छात्र की आंखें गीली थीं...*
*✍️डायरेक्टर- "हूं , तो फिर कैसा रहा कल घर पर ? क्या तुम अपना अनुभव मेरे साथ शेयर करना पसंद करोगे....?"*
*छात्र- " जी हाँ , श्रीमान कल मैंने जिंदगी का एक वास्तविक अनुभव सीखा...*
*नंबर एक... मैंने सीखा कि सराहना क्या होती है...मेरे पिता न होते तो मैं पढ़ाई में इतनी आगे नहीं आ सकता था...*
*नंबर दो... पिता की मदद करने से मुझे पता चला कि किसी काम को करना कितना सख्त और मुश्किल होता है...*
*नंबर तीन.. मैंने रिश्तों की अहमियत पहली बार इतनी शिद्दत के साथ महसूस की..."*
*डायरेक्टर- "यही सब है जो मैं अपने मैनेजर में देखना चाहता हूं...*
*मैं यह नौकरी केवल उसे देना चाहता हूं जो दूसरों की मदद की कद्र करे,ऐसा व्यक्ति जो काम किए जाने के दौरान दूसरों की तकलीफ भी महसूस करे...*
*ऐसा शख्स जिसने सिर्फ पैसे को ही जीवन का ध्येय न बना रखा हो...*
*मुबारक हो, तुम इस नौकरी के पूरे हक़दार हो..."*
*✍️आप अपने बच्चों को बड़ा मकान दें, बढ़िया खाना दें,बड़ा टीवी, मोबाइल, कंप्यूटर सब कुछ दें...*
*लेकिन साथ ही अपने बच्चों को यह अनुभव भी हासिल करने दें कि उन्हें पता चले कि घास काटते हुए कैसा लगता है ?*
*उन्हें भी अपने हाथों से ये काम करने दें...*
*खाने के बाद कभी बर्तनों को धोने का अनुभव भी अपने साथ घर के सब बच्चों को मिलकर करने दें...*
*ऐसा इसलिए नहीं कि आप मेड पर पैसा खर्च नहीं कर सकते,बल्कि इसलिए कि आप अपने बच्चों से सही प्यार करते हैं...*
*आप उन्हें समझाते हैं कि पिता कितने भी अमीर क्यों न हो, एक दिन उनके बाल सफेद होने ही हैं...*
*सबसे अहम हैं आप के बच्चे किसी काम को करने की कोशिश की कद्र करना सीखें...*
*एक दूसरे का हाथ बंटाते हुए काम करने का जज्ब़ा अपने अंदर लाएं...*
*यही है सबसे बड़ी सीख..............*
*✍️उक्त कहानी यदि पसंद आई हो तो अपने परिवार में सुनाएँ और अपने बच्चों को सर्वोच्च शिक्षा प्रदान कराये*
*✍️आँखे बन्द करके जो प्रेम करे वो 'प्रेमिका' है।*
*आँखे खोल के जो प्रेम करे वो 'दोस्त' है।*
*आँखे दिखाके जो प्रेम करे वो 'पत्नी' है*।
*अपनी आँखे बंद होने तक जो प्रेम करे वो 'माँ' है।*
*परन्तु आँखों में प्रेम न जताते हुये भी जो प्रेम करे वो 'पिता' है..!!*