*"जीवन" मे हम खोये हुए पल को वापस नही ला सकते हैं....*
*लेकिन "हौसले" और "विश्वास" से आने वाले पल को "खूबसूरत" बना सकते हैं, आपका जीवन, ईश्वर की दी हुई अनुपम भेंट है, इसे "सुंदर" और "सुखमय" बनाना आपका कर्तव्य है, आप कर्म करने में स्वतंत्र हैं, अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग करके, इस मानव जीवन का विनाश न करें, बल्कि इसे अच्छा बनाकर अपने कर्तव्य का पालन करें, और सुखमय जीवन जीएं,*
*"अब आप "बुद्धिमान" हैं, कर्म करने में स्वतंत्र हैं, अतः पूरी गंभीरता से विचार करें, कि आपको अपना यह वर्तमान जीवन तथा भविष्य का आने वाला जीवन कैसा बनाना है, ??? अच्छा या बुरा? सुखदायक या दुखदायक,??? आप जैसा चाहें, वैसा बना सकते हैं, परखता तो वक्त है, कभी हालात के रूप मे, तो कभी मजबूरीयों के रूप मे, "भाग्य" तो बस आपकी काबिलियत देखता है...*
*"जीवन" में कभी भी किसी से अपनी तुलना मत करों...*
*आप जैसे भी है, सबसे "सर्वश्रेष्ठ" है......*