*नीला सियार*
एक वन में एक सियार रहता था लेकिन वो अक्सर ही साथी सियारों का उपहास करता था | उनसे लड़ता था | उसे स्वजाति के जानवर जैसे सियार, कुत्ते ये पसंद नहीं थे | वो खुद को इन सबसे श्रेष्ठ समझता था | इस कारण सियारों के मध्य की बाते अक्सर ही दूसरों को बताता जिस कारण सभी में फुट पड़ने लगी थी |
एक दिन सभी ने इसे सबक सिखाने की सोची | उन्होंने सोचा इसकी थोड़ी पिटाई करेंगे तो इसे समझ आ जायेगा | आखिर हैं तो अपना ही वाला उसे सुधारना अपना ही काम हैं | ऐसा सोच सभी बाँस के डंडे लाकर उसकी तरफ मारने के लिए दौड़े | उन्हें अपनी तरफ आता देख सियार भागने लगा | और एक नीले थोथे की बाल्टी में घुस गया | जब बाहर निकला तो वह पूरा नीला हो चूका था | उसे देख कर कोई भी पहचान नहीं पा रहा था | उल्टा नीले रंग के जानवर को देखकर सभी उससे डरकर भाग रहे थे | यह देख उसे बहुत मजा आ रहा था | अब वो रोज नीले थोथे से नहाकर सभी को डराने लगा |
एक दिन उसने सोचा दुसरे सियारों से बदला लिया जाये | उसने जंगल में जाकर सभी बड़े जानवरों को यकीन दिलाया कि उसे भगवान ने सबका मालिक बनाकर भेजा हैं | सभी उससे डरते थे | यहाँ तक कि शेर और चीते भी | सभी ने उसकी बात मान ली और उसे अपना राजा बना लिया |सियार ने भी सभी ताकतवर जानवर की नियुक्ति अच्छे पदों पर की जैसे शेर को मंत्री बनाया, चीते को सेनापति आदि | और बाकि अन्य सियारों को जिनसे वो घृणा करता था | उन्हें जंगल से निकाल दिया | सियार मन ही मन अपनी बुद्धिमता पर बहुत खुश हो रहा था जो लोग उसे सबक सिखाने का सोच रहे थे उन सभी को उसने जंगल से बाहर कर दिया था |उसका बदला पूरा हो चूका था |
जंगल की व्यवस्था बहुत अच्छी चल रही थी | सभी जानवर शिकार करके नीले सियार के सामने लाते वो उसका बटवारा करता था | सभी उससे डरते थे इसलिये वो जो देता चुपचाप ले लेते थे |
एक दिन सभी नीले सियार के आस पास बैठे हुए थे | तभी दूर से अन्य सियारों की चिल्लाने की आवाज आई | अचानक आई आवाज सुनकर नीला सियार भूल गया और उसी आवाज में चिल्लाने लगा | उस दिन सभी को यह बात समझ आ गई कि यह भगवान का भेजा राजा नहीं हैं बल्कि कपटी सियार हैं |
सभी जानवरों ने उसे घेरा और क्रोध से भरे जानवरों ने उसे मार डाला |
नीले सियार की इस कहानी से यही शिक्षा मिलती हैं कि अपने लोगो पर भरोसा न करके दूसरों पर भरोसा करने वाले को गलत परिणाम भुगतना पड़ता हैं |
कहानी से यही शिक्षा मिलती हैं कि कभी अपनों को छोड़ दूसरों पर यकीन नहीं करना चाहिये |नीले सियार ने यही किया उसके साथी तो बस उसे उसकी गलती की सजा देकर उसे सही रास्ता दिखाना चाहते थे लेकिन अन्य जानवरों ने तो उसकी एक ना सुनी और उसे मार दिया |