*लालच बुरी बला है *
एक बार एक बुढ्ढा आदमी तीन गठरी उठा कर पहाड़ की चोटी की ओर बढ़ रहा था।
रास्ते में उसके पास से एक हष्ट - पुष्ट नौजवान निकाला. बुढ्ढे आदमी ने उसे आवाज लगाई की बेटा क्या तुम मेरी एक गठरी अगली पहाड़ी तक उठा सकते हो ?
मैं उसके बदले इस में रखी हुई पांच तांबे के सिक्के तुम को दूंगा. लड़का इसके लिए सहमत हो गया।
निश्चित स्थान पर पहुँचने के बाद लड़का उस बुढ्ढे आदमी का इंतज़ार करने लगा और बुढ्ढे आदमी ने उसे पांच सिक्के दे दिए।
*बुढ्ढे आदमी ने अब उस नौजवान को एक और प्रस्ताव दिया कि अगर तुम अगली पहाड़ी तक मेरी एक और गठरी उठा लो तो मैं उसमें रखी चांदी के पांच सिक्के और पांच पहली गठरी में रखे तांबे के पांच सिक्के तुम को और दूंगा।
*नौजवान ने सहर्ष प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और पहाड़ी पर निर्धारित स्थान पर पहुँच कर इंतजार करने लगा. बुढ्ढे आदमी को पहुँचते - पहुँचते बहुत समय लग गया।
*जैसे निश्चित हुआ था उस हिसाब से बुजुर्ग ने सिक्के नौजवान को दे दिये। आगे का रास्ता ओर भी कठिन था।
*बुजुर्ग व्यक्ति बोला कि आगे पहाड़ी और भी दुर्गम है। अगर तुम मेरी तीसरी सोने के मोहरों की गठरी भी उठा लो तो मैं तुम को उसके बदले पांच तांबे की मोहरे, पांच चांदी की मोहरे और पांच सोने की मोहरे दूंगा।
*नौजवान ने खुशी - खुशी हामी भर दी।
*निर्धारित पहाड़ी पर पहुँचने से पहले नौजवान के मन में लालच आ गया कि क्यों ना मैं तीनों गठरी लेकर भाग जाऊँ।
*गठरियों का मालिक तो कितना बुजुर्ग है। वह आसानी से मेरे तक पहुंच ही नही पाएगा. अपने मन में आए लालच की वजह से उसने रास्ता बदल लिया।
*कुछ आगे जाकर नौजवान के मन में सोने के सिक्के देखने की जिज्ञासा हुई. उसने जब गठरी खोली उसे देख कर दंग रह गया क्योंकि सारे सिक्के नकली थे।
*उस गठरी में एक पत्र निकला. उसमें लिखा था कि जिस बुजुर्ग व्यक्ति की तुमने गठरी चोरी की है, वह यहां का राजा है।
*राजा जी भेष बदल कर अपने कोषागार के लिए ईमानदार सैनिकों का चयन कर रहे हैं।
*अगर तुम्हारे मन में लालच ना आता तो सैनिक के रूप में आज तुम्हारी भर्ती पक्की थी.जिसके बदले तुम को रहने को घर और अच्छा वेतन मिलता।
*लेकिन अब तुम को कारावास होगा क्योंकि तुम राजा जी का सामान चोरी कर के भागे हो. यह मत सोचना कि तुम बच जाओगे क्योंकि सैनिक लगातार तुम पर नज़र रख रहे हैं।
*अब नौजवान अपना माथा पकड़ कर बैठ गया. कुछ ही समय में राजा के सैनिकों ने आकर उसे पकड़ लिया। उसके काम के कारण उसका भविष्य जो उज्जवल हो सकता था, वह लालच के कारण अंधकारमय हो चुका था. इसलिए कहते हैं लालच बुरी बला है।
*शिक्षा:-*
*ज्यादा पाने की लालसा के कारण व्यक्ति लालच में आ जाता है और उसे जो बेहतरीन मिला होता है उसे भी वह खो देता है।*
*समय से पहले और भाग्य से ज्यादा कभी नही मिलता।*