आज दुनिया के पास हजारों परमाणु बम हैं जिसके बल पर धरती से सैकड़ों बार जीवन को नष्ट किया जा सकता है। लेकिन कई ऐसे भी बम हैं जिनका एक अलग इतिहास है। कुछ बम अमेरिका के पहले बम है तो कई ऐसे बम है जो कि पहली बार इंसानों पर छोड़े गए थे और उनसे लाखों लोग मारे गए थे। आगे की स्लिड्स में देखिए कुछ खास एटोमिक बम...
१-बी-53 न्यूक्लियर बम: बी-53 कॉल्ड वॉर के समय यूनाइटेड स्टेस्ट्स एटोमिक एनर्जी कमीशन की ओर से बनाया गया था। बाद में इस बम को और पॉवरफुल बम में बदला गया।
२-टीसार बोम्बा: टीसार बोम्बा मानव इतिहास का सबसे ताकतवर एटोमिक बम है। इसका नाम कुज किना मट भी है, क्योंकि ये रशियन फेडरेशन की ओर से बनाया गया था। इस बम को बनाने का विचार काफी हद तक सफल रहा था। वहीं रुस ने इस बम के नाम से और भी बम बनाया है।
३-हरीकेन एटोमिक बम ऑपरेशन हरीकेन के कोड नाम वाला ये पहला बम था जो कि यूके की ओर से इस्तेमाल किया गया था। इसका साल 1952 में परीक्षण किया गया था। मेंटेबेलो आईलैंड की जमीन पर ये धमाका किया गया था।
४-द मार्क-36 न्यूक्लियर बम: ये बम यूएस की ओर से बनाए गए सभी परमाणु बमों में से सबसे खतरनाक है। इसका निर्माण थर्मो परमाणु डिवाइस और चैन रियेक्शन डिजाईन से किया गया था। ये सबसे ताकतवर बम था जो कि आसानी से विस्फोट किया जा सकता था।
५-द लिटिल बॉय एटोमिक बम: आपने यूएसए की ओर से जापान पर गिराए गए एटम बम के बार में तो सुना ही होगा। इस प्रोजेक्ट के कोड नाम पर ही इसका नाम रखा गया था। सबसे खास बात ये है कि ये सबसे पहला ऐसा एटम बम था जो इंसानों की जनसंख्या पर गिराया गया था। इस बम के हमले से करीब एक लाख लोग मारे गए थे।
६-फैट मैन एटोमिक बम: फैट मैन इस धमाके के प्रोजेक्ट का कोड नाम था जो कि यूएसए की ओर से जापान पर किया गया था। यह सबसे विनाशकारी एटम बमों में से एक है। इस बम के हमले में करीब 50 हजार लोग मारे गए थे जबकि 30 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
७-द केसल ब्रावो हाइड्रोजन बम: इस बम की सबसे खास बात ये है कि ये पहला हॉइड्रोजन पर आधारित थर्मो परमाणु बम था जिसका परीक्षण किया गया था। ये यूएसए की ओर से किए गए सबसे पॉवरफुल परमाणु टेस्ट में से एक था। इस हाइड्रोजन बम की उपज लगभग 15,000 मेगाटन थी।
८-द मार्क- 21 न्यूक्लियर बम: ये दुनिया के सबसे पॉवरफुल ग्रेविटी बम में एक है जो कि साल 1954 में विस्फोट किया गया था। ये ऑपरेशन केसल नाम के परमाणु टेस्ट का हिस्सा था। मार्क-21 बम 15 लंबा और 15,000 पाउंड से भी भारी था। ये उस वक्त का सबसे खतरनाक बम था।
९-बी-41 न्यूक्लियर बम: स्ट्रेटेजिक एयर कमांड की ओर से बनाए गए इस बम का परीक्षण साल 1960में किया गया था। इसका निर्माण कोल्ड वॉर के समय किया गया था। इसमें लिथियम-6 और फिसीन जैकेट ईंधन का इस्तेमाल किया गया था।
१०-द आईवी माइक न्यूक्लियर टेस्टिंग: आपने परमाणु धमाके के बाद उठने वाले धुएं के गुबार के बारे में सुना होगा जो कि मशरुम के आकार में दिखता है। इस बम के धमाके में भी उसी तरह का धुंआ उठा था। इसका परीक्षण प्रशांत महासागर में किया गया था।