मेरे सभी मित्रों को मेरा प्यार भरा नमस्कार आज का विषय नफरत वाला प्यार कि अगर चर्चा कि जाये तो हम सबके दिल में किसी ना किसी शख्स के लिए नफरत रहें ही जाती है हमारे लाख कोशिशों के बावजूद भी हम यह नफरत प्यार में नहीं बदल पाते फिर चाहें वह हमारे किसी मित्र के लिए हो या अपनों के लिए नफरत वाला प्यार अक्सर उन लोगों के दिल में अपनी जगह बनता है जो हमारे सही होते हुये भी हमें सही नहीं समझ पाते या हमारे ऐसे अपने जो हमें अपना समय नहीं दे पाते जबकि हम उनके लिए इतना व्यस्त होकर भी समय निकाल लेते है उन्हें अपना प्यार व सम्मान देते है जबकि वही दूसरी तरफ हमारे अपने या हमारे मित्र हमें हमेशा यही एहसास दिलाते रहते है कि हम अपने काम में बहुत मशरूफ है हमारे पास इसके लिए बिल्कुल भी समय नहीं है यही प्यार साथ फिर नफरत वाला प्यार बनकर हमारे अंदर इतना भर जाता है कि उसे फिर हम चाह कर भी नहीं निकाल पाते इसलिए हम सबसे लिए यह बहुत जरूरी है कि हम अपनों को और अपने उन मित्रों को वह समय प्यार और सम्मान दे जो वह हमें दे रहा है जिससे दोंनो के बीच यह नफरत वाला प्यार सिर्फ प्यार में बदल सके ना कि नफरत वाले प्यार कि भावना में.......