दिनांक 2/6/2022
विषय अधूरापन
हेलो सखी कैसी हो जून के महीने में आप सबसे एक बार फिर से मुलाक़ात हो गई जून महीना बहुत गर्मी वाला महीना होता है कुछ खाने का तो पूछो ही मत बस लिखते रहो हर रोज कि तरह एक डायरी आज कि मेरी इस डायरी का विषय है अधूरापन! क्या सच में किसी कि जिंदगी में इतना ज्यादा अधूरापन होता है कि वह अपनी जिंदगी और किसी के नाम कुर्बान कर दे या किसी को सौंप के खुद को हमेशा के लिए अकेला कर दे......
आज दिल बहुत रोया
अपनों को हमने भी खोया
अपनी हर हंसी में हमने
उसे पिरोया पर वो दे गया
हमें ताउम्र सिर्फ और सिर्फ
एक अधूरापन सा तोहफ़ा
जिसने मेरे हर जख्म पर नमक डाला
मुझे जीते जी मार डाला ताउम्र दे गया
वो मुझे एक अधूरेपन का तोहफ़ा
हर दफा मेरे रूह से जिस्म से निकला
एक दर्द पर वो दर्द भी दे गया एक अधूरेपन
का तोहफ़ा
एक डायरी मेरी कलम से ✍️
स्वरचित निक्की तिवारी
एक