इंडिया की ब्यूटीफुल गर्ल्स जिन्हें फोटोज शेयर करना पसंद है और जो मॉडलिंग या ग्लैमर इंडस्ट्री में जाना चाहती हैं
दैनिक जीवन में तकनीक ने क्रांति ला दी है। क्या हम इसका उपयोग अपने को विकसित करने पृथ्वी को बचाने व जागरुकता लाने में कर सकते है। हमारे पास नये नये खोजो से चलने वाले यन्त्र है जो आज तीव्र गति से पैर पसार चुके है जिसके हम आदि है और हमारी धरती जो हरी भर
सिनेमा और समाज ये दोनों एक दुसरे के अभिन्न अंग हैं ,और एक दुसरे के पूरक भी बशर्ते सिनेमा में तत्कालीन समाज की झलक हो ,अगर ऐसा सिनेमा बनता है तो फिर देर कान्हा लगेगी समाज के सड़े हुए कचरे को निकलने में