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घिसी हुई चप्पल

23 अक्टूबर 2021

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घिसी हुई चप्पल बयां करती है

दीनता, संघर्ष, शिथिलता और

हाशिए पर रखी देहात्मा की 

जीवन- दर्शन दास्तां को


जो मुश्किलों से घिरी हुई है

निराशा से भरी हुई है

जिनका ना कोई साथी है

और ना ही कोई सहारा


ना राह में प्रकाश है उनके

ना ही कोई सवेरा

भोजन की तलाश में व्याकुल

ताउम्र लगाते हैं वो फेरा


ना आश्रय ना ठिकाना उनका

और ना ही कोई घराना

शोषित होते हैं वो जग में

और उपहास करता है ज़माना


सूख गया है आंखों का पानी

जैसे संवेदना ही मर गई हो 

खुशियों ने मुंह मोड़ लिया इस कदर

मानो सम्पूर्ण जीवन श्रापित हो गया हो।


18
रचनाएँ
मन से मंज़िल तक......
5.0
इस पुस्तक में प्रस्तुत सभी रचनाएं मेरी कलम से कृत स्व- विचारों एवं भावनाओं का परस्पर संग्रह है। जिसका उद्देश्य ना केवल पाठक वर्ग को आनंदित करना है अपितु उन्हें चिंतनशील मनुष्य बनने हेतु प्रेरित करना भी है। इसी आशा के साथ शुरू होता है हमारा ये सुनहरा सफ़र ....🙏💐🙏
1

सीखो

22 सितम्बर 2021
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<p><strong>जीवन में सुख पाना है तो</strong><em><strong><br> मानवता संग जीना सीखो<br> जाति-पाति का भे

2

एक नई दुनिया

23 सितम्बर 2021
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<p><strong>चाह मेरी मालिक से इतनी</strong></p> <p><strong>खुशियों की सौगात दिला दो</strong></p> <p><

3

रणभूमि

24 सितम्बर 2021
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<p><strong>संघर्ष भरी इस रणभूमि में</strong></p> <p><strong>मानव तुमको लड़ना होगा</strong></p> <p><s

4

ज़िन्दगी के सफ़र में

25 सितम्बर 2021
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2
2

<p><strong>ज़िन्दगी के सफ़र में,</strong></p> <p><strong>कई लोगों का साथ मिला।</strong></p> <p><br><

5

ज़िंदगी की परिभाषा

27 सितम्बर 2021
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<p><strong>ज़िन्दगी साथ है मेरे यार</strong></p> <p><strong>कभी अपनों का, तो कभी परायों का</strong><

6

बावरा मन

29 सितम्बर 2021
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<p><strong>खोज रहा है जाने क्या</strong></p> <p><strong>पल भर भी आराम नहीं</strong></p> <p><strong>म

7

टिमटिमाते सपने

30 सितम्बर 2021
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<p><strong>जो जगा जाते बुझे मन में</strong></p> <p><strong>एक उम्मीद की किरण,</strong></p> <p><stron

8

वहां कौन रहता है?

1 अक्टूबर 2021
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<p><strong>जहां साथ ना हो अपनों का</strong></p> <p><strong>जहां बात ना हो सपनों की</strong></p> <p><

9

गज़ल

3 अक्टूबर 2021
2
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<p><strong>कौन कहता है कि कोई फ़कीर होता है।</strong></p> <p><strong>दिल-ए-मोहब्बत में वो अमीर होता

10

बालश्रमिक की आकांक्षा

4 अक्टूबर 2021
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<p><strong>प्यार से कोई गले लगाए</strong></p> <p><strong>चूम के माथा उसे हंसाए</strong></p> <p><stro

11

प्रकृति

5 अक्टूबर 2021
4
3
2

<p><strong>प्रकृति है जग का आधार</strong></p> <p><strong>जैवमण्डल पर करती कृपा अपार </st

12

मंज़िल की तलाश

6 अक्टूबर 2021
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2

<p><strong>ज़िन्दगी संग तेरे</strong></p> <p><strong>मैं दो कदम चली</strong></p> <p><strong>थक गई, र

13

मेरे प्यारे दादाजी

8 अक्टूबर 2021
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<p><strong>दादाजी ने हाथ पकड़कर </strong></p> <p><strong>चलना मुझे सिखाया था</strong></p> <p><s

14

जज़्बा

10 अक्टूबर 2021
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<p><strong>राब्ता तुम्हारा है</strong></p> <p><strong>और मोहब्बत हमारी है</strong></p> <p><strong>इख

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घिसी हुई चप्पल

23 अक्टूबर 2021
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<p><strong>घिसी हुई चप्पल बयां करती है</strong></p> <p><strong>दीनता, संघर्ष, शिथिलता और</strong></p

16

दीया

3 नवम्बर 2021
3
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<p><br></p> <p><strong>जीवन को हमेशा, आशा से भरेगा</strong></p> <p><strong>खाक होकर भी, निरंतर साहस

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गाँव की हसीन शाम

13 दिसम्बर 2021
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<p><strong>जीवन के ढलते पड़ाव पर,</strong></p> <p><strong>संघर्षों की आंधी लिए</strong></p> <p><stro

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अपनापन

30 जुलाई 2022
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अपनों के संग वक्त बितानामुझको अच्छा लगता हैअपनों पर यूं हक जतानामुझको सच्चा लगता हैकभी रूठना कभी मनानामुझको मोहक लगता हैअपनों से दूर हो जानामुझको नाहक लगता हैफरेबी इस दुनिया मेंहर शख्स बेगाना लगता हैह

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