shabd-logo

एक नई दुनिया

23 सितम्बर 2021

27 बार देखा गया 27

चाह मेरी मालिक से इतनी

खुशियों की सौगात दिला दो

बैर भाव को दूर भगाकर

सब जन को एक साथ मिला दो।


गोरख-धंधे, भ्रष्टाचार से मुक्त

सुंदर मेरा देश बना दो

शोषण, अत्याचार, बलात्कार ना हो इस जग में

स्त्री को सम्मान दिला दो।


स्त्रीत्व यदि ममता है तो

पुरुषत्व को सहयोग बना दो

समाज से वर्चस्व वाद मिटाकर

सादगी का साथ बना दो।


बच्चों को मिल जाता आंचल

बूढ़ों को भी मान दिला दो

अंहकार का प्रमाण हटाकर

मानवता का पाठ पढ़ा दो।


निज स्वार्थ ना करें कर्म हम

निस्वार्थ सेवा का दीप जला दो

उज्ज्वल भविष्य की हो कामना

ऐसी एक नई दुनिया बसा दो।

Pratibha

Pratibha

बहुत बढ़िया

7 अक्टूबर 2021

Ranjeeta Dhyani

Ranjeeta Dhyani

3 नवम्बर 2021

आपका हार्दिक आभार 🙏🙏🙏

गीता भदौरिया

गीता भदौरिया

बहुत प्यारी रचना

26 सितम्बर 2021

Ranjeeta Dhyani

Ranjeeta Dhyani

27 सितम्बर 2021

आपका हार्दिक आभार 🙏🙏🙏🙏

18
रचनाएँ
मन से मंज़िल तक......
5.0
इस पुस्तक में प्रस्तुत सभी रचनाएं मेरी कलम से कृत स्व- विचारों एवं भावनाओं का परस्पर संग्रह है। जिसका उद्देश्य ना केवल पाठक वर्ग को आनंदित करना है अपितु उन्हें चिंतनशील मनुष्य बनने हेतु प्रेरित करना भी है। इसी आशा के साथ शुरू होता है हमारा ये सुनहरा सफ़र ....🙏💐🙏
1

सीखो

22 सितम्बर 2021
7
8
6

<p><strong>जीवन में सुख पाना है तो</strong><em><strong><br> मानवता संग जीना सीखो<br> जाति-पाति का भे

2

एक नई दुनिया

23 सितम्बर 2021
5
4
4

<p><strong>चाह मेरी मालिक से इतनी</strong></p> <p><strong>खुशियों की सौगात दिला दो</strong></p> <p><

3

रणभूमि

24 सितम्बर 2021
1
3
0

<p><strong>संघर्ष भरी इस रणभूमि में</strong></p> <p><strong>मानव तुमको लड़ना होगा</strong></p> <p><s

4

ज़िन्दगी के सफ़र में

25 सितम्बर 2021
0
2
2

<p><strong>ज़िन्दगी के सफ़र में,</strong></p> <p><strong>कई लोगों का साथ मिला।</strong></p> <p><br><

5

ज़िंदगी की परिभाषा

27 सितम्बर 2021
2
0
2

<p><strong>ज़िन्दगी साथ है मेरे यार</strong></p> <p><strong>कभी अपनों का, तो कभी परायों का</strong><

6

बावरा मन

29 सितम्बर 2021
0
1
0

<p><strong>खोज रहा है जाने क्या</strong></p> <p><strong>पल भर भी आराम नहीं</strong></p> <p><strong>म

7

टिमटिमाते सपने

30 सितम्बर 2021
0
1
0

<p><strong>जो जगा जाते बुझे मन में</strong></p> <p><strong>एक उम्मीद की किरण,</strong></p> <p><stron

8

वहां कौन रहता है?

1 अक्टूबर 2021
1
3
2

<p><strong>जहां साथ ना हो अपनों का</strong></p> <p><strong>जहां बात ना हो सपनों की</strong></p> <p><

9

गज़ल

3 अक्टूबर 2021
2
2
2

<p><strong>कौन कहता है कि कोई फ़कीर होता है।</strong></p> <p><strong>दिल-ए-मोहब्बत में वो अमीर होता

10

बालश्रमिक की आकांक्षा

4 अक्टूबर 2021
2
3
0

<p><strong>प्यार से कोई गले लगाए</strong></p> <p><strong>चूम के माथा उसे हंसाए</strong></p> <p><stro

11

प्रकृति

5 अक्टूबर 2021
4
3
2

<p><strong>प्रकृति है जग का आधार</strong></p> <p><strong>जैवमण्डल पर करती कृपा अपार </st

12

मंज़िल की तलाश

6 अक्टूबर 2021
1
3
2

<p><strong>ज़िन्दगी संग तेरे</strong></p> <p><strong>मैं दो कदम चली</strong></p> <p><strong>थक गई, र

13

मेरे प्यारे दादाजी

8 अक्टूबर 2021
1
2
2

<p><strong>दादाजी ने हाथ पकड़कर </strong></p> <p><strong>चलना मुझे सिखाया था</strong></p> <p><s

14

जज़्बा

10 अक्टूबर 2021
0
1
0

<p><strong>राब्ता तुम्हारा है</strong></p> <p><strong>और मोहब्बत हमारी है</strong></p> <p><strong>इख

15

घिसी हुई चप्पल

23 अक्टूबर 2021
1
0
0

<p><strong>घिसी हुई चप्पल बयां करती है</strong></p> <p><strong>दीनता, संघर्ष, शिथिलता और</strong></p

16

दीया

3 नवम्बर 2021
3
3
2

<p><br></p> <p><strong>जीवन को हमेशा, आशा से भरेगा</strong></p> <p><strong>खाक होकर भी, निरंतर साहस

17

गाँव की हसीन शाम

13 दिसम्बर 2021
0
1
0

<p><strong>जीवन के ढलते पड़ाव पर,</strong></p> <p><strong>संघर्षों की आंधी लिए</strong></p> <p><stro

18

अपनापन

30 जुलाई 2022
0
0
0

अपनों के संग वक्त बितानामुझको अच्छा लगता हैअपनों पर यूं हक जतानामुझको सच्चा लगता हैकभी रूठना कभी मनानामुझको मोहक लगता हैअपनों से दूर हो जानामुझको नाहक लगता हैफरेबी इस दुनिया मेंहर शख्स बेगाना लगता हैह

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए