ज़िन्दगी के सफ़र में,
कई लोगों का साथ मिला।
कोई जानकार था उसमें,
कोई अनजान भी मिला।
कोई यादों को संजो गया,
कोई याद बन कर रह गया।
कोई साथ अपना दे गया,
कोई साथ बन कर रह गया।
कोई पथ भला दिखा गया,
कोई पथ भ्रष्ट हो गया।
कोई हौंसला छीन गया,
कोई हौंसला बढ़ा गया।
कोई सीख मुझे दे गया,
कोई सबक बन कर रह गया।
कोई मन अपना छोड़ गया,
कोई हृदय लेकर चला गया।
कोई टिप्पणी अपनी कर गया,
कोई सलाह मेरी ले गया।
कोई स्वार्थ सिद्ध कर गया,
कोई निस्वार्थ ज्ञान दे गया।
ये कश्मकश है ज़िन्दगी की, जनाब
जो मायावी दुनिया के कपट से
मुझे रूबरू करा गया।