2/9/2022
प्रिय डायरी,
आज का शीर्षक है ग्लोबल वार्मिंग अर्थात भूमंडलीय ऊष्मीकरण,
ग्रीन हाउस प्रभाव भूमंडलीय ऊष्मीकरण के लिए जिम्मेदार है। वायुमंडल की ग्रीन हाउस गैसे ग्रीन हाउस के शीशे की तरह कार्य करती है। यह कांच गर्म प्रथ्वी से निकलने वाली गर्मी के लिए अपारदर्शी है और उन्हें फंसाता है। यदि वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की एक बड़ी मात्रा है प्रथ्वी के वायुमंडल को गर्म करने का कारण बनता है। वैश्विक स्तर पर इस प्रभाव को ग्लोबल वार्मिंग या भूमंडलीय ऊष्मीकरण कहा जाता है।
ग्लोबल वार्मिंग से समुद्र तल प्रभावित होता है जिससे तूफानों के आने की आशंका बनी रहती है। कृषि पर प्रभाव पड़ता है जिससे फसले नष्ट हो जाती है। ग्लोबल वार्मिंग से मलेरिया रोग, डेंगू बुखार आदि रोग फैलते हैं। युवी विकिरण में वृद्धि से तो पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ सकता है।
अतः हमें प्रकृति से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए अन्यथा प्राकृतिक आपदा के रूप में रौद्र रूप ले सकती है।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️