6/9/2022
प्रिय डायरी,
आज का शीर्षक सोशल मीडिया,
आज का युग सोशल मीडिया का हो गया। हर एक के हाथ में मोबाइल है। बच्चे बच्चे मोबाइल का इस्तेमाल करना जानते हैं। कुछ नहीं तो गेम खेलने लगते हैं, गानों पर थिरकने लगते हैं। हाथ से गेम खेलने के बीच ले लो तो रोने लगते हैं। उनकी माताएं और और परिजन डांस करते समय या गाना गाते समय या कुछ भी वाक्यांश बोलते समय वीडियो बना कर सोशल मीडिया में वाइरल करने के लिए अपलोड कर देते हैं ताकि उसकी प्रसिद्धि हो जाए। इससे खतरा भी बढ़ सकता है उस बच्चे की जान का , उसके अपहरण का।
बच्चे तो बच्चे बड़े बुजुर्ग भी कम नहीं अपने आपको जल्द प्रसिद्ध व्यक्ति बनाने के लिए वीडियो बना कर अपलोड कर देते हैं। ऐसा नहीं की नुकसान ही हो रहा है। कहीं पर कोई घटना घटित हो , बड़े बुजुर्ग लोगों की भावनाएं आहत हो रही हो और किसी से देख कर बर्दास्त नहीं हो रही है और उसने वीडियो बना कर अपलोड कर दिया और जनमानस तक पहुंचा दिया और शायद इससे बड़े बुजुर्ग लोगों को आहत करने वाले का मन पसीज जाए और बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने लगे।
बच्चों को शिक्षा देने के लिए भी जो शिक्षण संस्थान तक नहीं पहुंच सकते वह रजिस्ट्रेशन फीस जमा करके ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। कितने लोग ऑनलाइन प्रतियोगिताओं को जैसे कविता, कहानी, लेख, निबंध इत्यादि रचित करा कर विजेताओं को पुरस्कृत करते हैं।
सोशल मीडिया में कितने ऐप है जिनमे कविताएं, कहानी, लेख पढ़ी लिखी है। आजकल तो समाचार एजेंसी भी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और जन जन तक समाचार पहुंचाने की कोशिश करती है और अपनी एजेंसी की पहचान बढ़ाने की कोशिश करती रहती है।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️