8/9/2022
प्रिय डायरी,
आज का शीर्षक है वृद्धाश्रम,
आज का युग कर्मयोगी हो गया है युवा पीढ़ी खास तौर पर लड़कियां और महिलाएं में देखा गया है कि शादी के बाद बढ़ती महंगाई के चलते घर गृहस्थी चलाने के लिए हर क्षेत्र में कार्यरत हैं। चाहे स्कूल कॉलेज हो , बैंक हो, सेना में शामिल हो। पति पत्नी दोनों के व्यस्त होने के कारण घर में अपने माता पिता को समय नहीं दे पाते हैं। बच्चे भी ज्यादा तर सोशल मीडिया से जुड़े रहते हैं।
वृद्ध माता पिता को अपने बच्चों का थोड़ा समय चाहिए कि उनको समझे और बात करे। वृद्धा अवस्था कई बीमारी भी हो जाती है जैसे नेत्र विकार , जोड़ो का दर्द इत्यादि। सबसे ज्यादा तो इस बात का कष्ट की बच्चों के पास उनके लिए समय नहीं।
कभी कभी बच्चे भी माता पिता को बोझ समझने लगते हैं और उन्हें वृद्धाश्रम छोड़ आते हैं जहां वह अपने जैसे लोगों के बीच जीवन गुजारते हैं।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️