गणपति पूजन का द्वितीय दिन है। गणपति यानी गणेश जी की पूजा में दूब भी चढ़ाते, उनकी प्रिय मिठाई मोदक का भोग लगाकर जीवन से अपने विघ्न बाधाओं को दूर करने का प्रयास करते हैं।
कहते हैं कि गणपति जी एकदंत इसलिए है शिव जी तपस्या में लीन थे तो परशुराम जी उनसे मिलने आए परन्तु तपस्या में विघ्न न पड़े इसलिए गणपति जी ने परशुराम जी को मिलने नहीं दिया तो परशुराम जी ने उनसे युद्ध किया और युद्ध में परशुराम जी गणपति जी का दांत तोड़ दिया। उसके बाद क्रुद्ध हो कर परशुराम चले गए।