बॉलीवुड की 'ट्रेजडी क्वीन' यानि मीना कुमारी का आज जन्मदिन है ...... गूगल ने अपने डूडल के जरिये इस बेहतरीन अदाकारा की खुबसूरती दिखा फिरसे सबको मीना कुमारी जी का कायल बना दिया है | तीन साल तक बॉलीवुड पर राज करने वाली मीना कुमारी ने कई फिल्मों में ऐसा अभिनय किया कि उन्हेंआज भी याद किया जाता है |
मीना कुमारी का असल नाम-महजबीं बानो था | अभिनेत्री होने के साथ-साथ मीना कुमारी एक उम्दा शायारा एवम् पार्श्वगायिका भी थीं |
मीना कुमारी को 12 फिल्मों के लिए फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया | उनकी फिल्म " पाकीज़ा , साहिब बीबी और ग़ुलाम" आज भी बॉलीवुड के क्लासिक फिल्मों में से एक है |
मीना कुमारी का जन्म 1 अगस्त 1933 को बम्बई में हुआ | त्ट्रेजेडी क्वीन की जिंदगी की शुरुआत भी ट्रेजिक थी | मीना कुमारी के पिता उन्हें जन्म के बाद ही अनाथालय छोड़ आये थे |
ताउम्र रही प्यार की तलाश
मीना कुमारी को मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही में अपने प्रति प्यार की भावना नजर आई. उन्होंने कमाल से ही निकाह कर लिया. लेकिन उन्हें कमाल की दूसरी पत्नी का दर्जा मिला. लेकिन इसके बावजूद कमाल के साथ उन्होंने 10 साल बिताए. मगर धीरे-धीरे मीना कुमारी और कमाल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और फिर 1964 में मीना कुमारी कमाल से अलग हो गईं. बताते हैं कि धर्मेंद्र की वजह से कमाल और मीना कुमारी के रिश्तों में खटास आई.
महजबीं पहली बार 1939 में फिल्म निर्देशक विजय भट्ट की फिल्म "लैदरफेस" में बेबी महज़बीं के रूप में नज़र आईं। 1940 की फिल्म "एक ही भूल" में विजय भट्ट ने इनका नाम बेबी महजबीं से बदल कर बेबी मीना कर दिया। 1946 में आई फिल्म बच्चों का खेल से बेबी मीना 13 वर्ष की आयु में मीना कुमारी बनीं। मार्च 1947 में लम्बे समय तक बीमार रहने के कारण उनकी माँ की मृत्यु हो गई। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थीं जिनमें हनुमान पाताल विजय, वीर घटोत्कच व श्री गणेश महिमा प्रमुख हैं।
" इन्ही लोगों ने , इन्ही लोगों ने... (2)
इन्ही लोगों ने ले ली न दुपट्टा मेरा...."
31 मार्च 1972, गुड फ्राइडे वाले दिन दोपहर 3 बजकर 25 मिनट पर महज़ 38 वर्ष की आयु में मीना कुमारी ने अंतिम सांस ली। पति कमाल अमरोही की इच्छानुसार उन्हें बम्बई के मज़गांव स्थित रहमताबाद कब्रिस्तान में दफनाया गया। मीना कुमारी इस लेख को अपनी कब्र पर लिखवाना चाहती थीं:
"वो अपनी ज़िन्दगी कोएक अधूरे साज़,
एक अधूरे गीत,
एक टूटे दिल,
परंतु बिना किसी अफसोस
के साथ समाप्त कर गई" (अंग्रेज़ी से अनुवादित)
मीना के पति कमाल अमरोही की 11 फरवरी 1993 को मृत्यु हुई और उनकी इच्छनुसार उन्हें मीना के बगल में दफनाया गया।