गोरखपुर district - Gorakhpur News - गीता प्रेस- गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर गोरखपुर, भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश के उत्तर-पूर्वी हिस्से में राप्ती नदी के किनारे स्थित एक शहर है | गोरखपुर को पूर्वांचल की राजधानी कहा जाता है। यह नेपाल सीमा के पास स्थित है, राज्य की राजधानी लखनऊ के 273 किलोमीटर पूर्व में। 2011 की जनगणना के अनुसार गोरखपुर की कुल आबादी ६,७३,४४६ है | सन्त गोरखनाथ जो मध्ययुगीन काल के सर्वमान्य संतो में से एक थे, उन्ही के नाम पर इस शहर का नाम गोरखपुर रखा गया है | गोरखपुर का गोरखनाथ मन्दिर विश्व प्रसिद्ध है और आज भी नाथ सम्प्रदाय की पीठ है। यह महान सन्त परमहंस योगानन्द का जन्म स्थान भी है। गोरखनाथ मंदिर संत गोरखनाथ को समर्पित गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर का सबसे प्रसिद्ध एवं नाथ संप्रदाय का सबसे सम्मानित मंदिर है। गोरखनाथ मंदिर गोरखपुर की पहचान है क्योंकि संत गोरखनाथ के नाम पे ही इस शहर का नाम गोरखपुर रखा गया | उन्होंने पूरे देश में मानवता और योग का प्रचार किया। इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में किया गया था। मंदिर परिसर में संत के मंदिर, उसके कदम और उसकी सिहांसन है, जहां वह योग का अभ्यास करता थे। उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर के पूर्व सांसद थे और मुख्यमंत्री बनने से पहले गोरखनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी भी थे | मकर संक्रांति के अवसर पर इस मंदिर में बहुत बड़ा मेला लगता है जिसमें सभी भक्तों को मुफ्त में भोजन कराया जाता है | मंदिर के परिसर के अंदर एक कृत्रिम तालाब भी है। गीता प्रेस वर्ष 1923 में जया दयाल गोयंदका और घनश्याम दास जालान द्वारा शुरू किया गया गीता प्रेस को वर्तमान में हिन्दू धार्मिक ग्रंथों और पुस्तकों को प्रकाशित करने की दुनिया की प्रमुख प्रेस होने का गौरव प्राप्त है। गीता प्रेस को प्रारंभ करने का मुख्य उद्देश ‘सनातन धर्म’ को बढ़ावा देना था। वर्तमान में, गीता प्रेस में लगभग 350 कर्मचारी कार्यरत हैं। यहा पर्यटक हिन्दू धर्म की सभी धार्मिक पुस्तके ग्रथं आदि देख सकते है और खरीद भी सकते है। विष्णु मंदिर मेडिकल कॉलेज रोड के शाहपुर मोहल्ले में स्थित विष्णु मंदिर में भगवान विष्णु की विशाल प्रतिमा स्थापित है। यहां दशहरा के अवसर पर पारम्परिक रामलीला का आयोजन होता है। रामगढ़ ताल 1700 एकड़ में विस्तृत रामगढ़ ताल पर्यटकों के लिए आकर्षक केन्द्र है। यहां पर जल क्रीड़ा केन्द्र, नौकाविहार, बौद्ध संग्रहालय, तारा मण्डल, चम्पादेवी पार्क एवं अम्बेडकर उद्यान आदि दर्शनीय स्थल हैं। कुष्मी वन कुष्मी वन न केवल पर्यठकों के लिए बल्कि स्थानीय लोगों के लिए बाहर निकलने और मनोरंजन का केंद्र है।यह साल के पेड़ो का घना जंगल है। इस घने वन में बुद्धिया माई नामक एक प्रसिद्ध धार्मिक-पिकनिक स्थान है। जंगल के भीतर अन्य आकर्षण विनोद वन पार्क और एक चिड़ियाघर हैं। कुष्मी जंगल में आकर आप प्रकृति का सुखद अनुभव ले सकते है | रेलवे म्यूजियम गोरखपुर के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2007 में रेलवे संग्रहालय और इसके साथ संलग्न मनोरंजन पार्क को खोला गया था | इस म्यूजियम में सबसे मूल्यवान वस्तु लॉर्ड लॉरेंस का भाप इंजन है। यह 1874 में लंदन में बनाया गया था और एक जहाज द्वारा भारत में लाया गया था। बच्चों के मनोरंजन के लिए एक टॉय-ट्रेन भी है। पूरे संग्रहालय दौरे को करने में लगभग 2 घंटे लगते है। गोरखपुर पुरातात्विक संग्रहालय 1957 में स्थापित, यह पुरातात्विक संग्रहालय इतिहास, नियम, संस्कृति, परंपराओं और पिछले और वर्तमान गोरखपुर के पुरातात्विक निष्कर्षों को चित्रित करता है। यह सबसे प्रसिद्ध स्थानीय संग्रहालय गोरखपुर पर्यटन स्थल है। और हर समय में यहा भीड़ रहती है। यह गोरखपुर के भारतीय इतिहास विभाग, पुरातत्व और संस्कृति के दीन दयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय की देखभाल में है। यह विश्वविद्यालय परिसर में ही है। इसके अंदर संरक्षित कलाकृतियों में प्राचीन सिक्के, मूर्तियां, पेंटिंग, पत्थर के उपकरण, आयु के पुराने आभूषण और यहां तक कि टिकट भी शामिल हैं। नेहरू पार्क गीता प्रेस के समीप लालडिग्गी इलाके में स्थित नेहरू पार्क अपने फव्वारे और चमकदार बहु-रंगीन रोशनी के कारण गोरखपुर की एक बहुत ही प्रतिष्ठित और आकर्षक पर्यटन केंद्र मानी जाती है। 2007 में, इस पार्क में भारतीय स्वतंत्रा सेनानी राम प्रसाद बिस्मिल का एक स्मारक का भी निर्माण किया गया जो उनके जीवन और स्मृति को समर्पित है | पार्क में बच्चों के लिए विशाल लॉन, पिकनिक स्पॉट और अन्य आकर्षण हैं | सूर्यकुण्ड मन्दिर 10 एकड में फैला गोरखपुर का सूर्यकुंड मंदिर हिन्दू धर्म के अनुसार एक महत्वपूर्ण और प्राचीन मंदिर है | मान्यता है कि भगवान श्री राम ने यहाँ पर विश्राम किया था जो कि कालान्तर में भव्य सूर्यकुण्ड मन्दिर बना। गोरखपुर के सुप्रशीद्ध हस्तियाँ (Famous Personalities from Gorakhpur) रजा मुराद गोरखपुर क्षेत्र के रामपुर जिला में जन्मे रजा मुराद का जन्म 2 जुलाई 1946 हुआ था | रजा मुराद 200 से ज्यादा हिंदी, भोजपुरी तथा अन्य भाषाओं की फिल्मो में काम कर चुके हैं । अशित सेन हिंदी फिल्मों में हास्य अभिनेता की भूमिका में नज़र आने वाले अशित सेन का जन्म 13 मई 1917 को गोरखपुर में ही हुआ था । अनुराग कश्यप अनुराग कश्यप की भी जन्म भूमि गोरखपुर है। अनुराग वर्त्तमान में एक अभिनेता, निर्माता , निर्देशक, संपादक और पटकथा लेखक के रूप में कार्यरत हैं | अनुराग को 2013 में फ्रांस सराकर द्वारा नाईट ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स नामक अवार्ड से सम्मानित किया था बाबु बंधू सिंह अमर शहीद बाबु बंधू सिंह गोरखपुर के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गुर्रील्ला युद्ध की शुरुवात की थी बाबु बंधू सिंह का जन्म 1 मई 1833 जमींदार शिवप्रसाद सिंह के घर चौरीचौरा स्थित "डुमरी" गांव गोरखपुर क्षेत्र में हुआ था। और मृत्यु 12 अगस्त 1857 को गोरखपुर के अलिनगर चौक में फांसी पर लटका दिया गया था । राम प्रसाद बिस्मिल अमर शहीद पं॰ राम प्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 में जिला शाहजहांपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था।उनके पिता का नाम मुरलीधर और माता का नाम मुलमती था। जो भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन की क्रन्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी और एक प्रसिद्ध कवी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में काकोरी कांड के तहत 1927 में गोरखपुर जेल में फांसी दे दी गयी। योगी आदित्यनाथ योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तर प्रदेश के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वालीराजपूत परिवार में हुआ था जो उत्तर प्रदेश के विभाजन के बाद आज उत्तराखण्ड नाम से प्रचलित है। इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। 1993 में गणित में एम.एस.सी. की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आ गये और उसी दौरान इनकी मुलाकात गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त महंत अवैद्यनाथ जी से हुयी और उनके (महंत अवैद्यनाथ जी) निधन के बाद इन्हें (योगी आदित्यनाथ) यहाँ का महंत बनाया गया। और वर्त्तमान में बी. जे. पी. प्रत्याशी के रूप में ये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं ।