फ्रांस के परोपकारी शिक्षक एवं सांकेतिक वर्णमाला के जनक चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी (Charles-Michel de l'Épée) पर गूगल डूडल (Google Doodle) बनाकर उन्हें 306वीं जयंती पर सम्मानित किया है. चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी को Father of the Deaf यानि "बहरो के पिता / जनक कहा जाता है क्योंकि उन्होंने :
सांकेतिक वर्णमाला विकसित की थी
दृश्य विधि विकसित की जो बधिरों के शिक्षण के लिए ब्लूप्रिंट बन गई
बधिरों के लिए पहला सार्वजनिक विद्यालय स्थापित किया
चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी के 306वें जन्मदिन के मौके पर गूगल (Google Doodle) ने 'Charles Michèle de l'Epée 306th birthday' शीर्षक से डूडल (Doodle) बनाया है.
चार्ल्स-मिशेल डी एल एपी का जन्म 25 नवंबर, 1712 को फ्रांस के वर्साइल्स शहर में एक समृद्ध परिवार में हुआ था | एपी ने लोगों की आम धारणा कि विकलांग श्रवण वाले लोग या बधिर लोग सीखने में असमर्थ होते है को गलत साबित किया | उन्होंने बधिरों की शिक्षा के लिए दृश्य विधि विकसित की जिससे उस समय उन्होंने अनगिनत जीवन को बदल दिया | भेद भाव का शिकार हो रहे बधिर लोगों के लिए उन्होंने 1771 में पहला मुफ़्त सार्वजनिक विद्यालय भी स्थापित किया | यह स्कूल मूल रूप से पेरिस में लौवर के पास 14 रूए डेस मौलिन्स, ब्यूट सेंट-रोच में एक घर में स्थित था।
इस स्कूल में उन्होंने पेरिस के बहरे बच्चों का स्वागत किया और उन्हें सभी प्रकार के विषय पढाये। उन्होंने फ्रेंच साइन लैंग्वेज सीखी और इसके विकास में योगदान दिया।
23 दिसम्बर 1789 को पेरिस में उनका निधन हो गया |