बिहार दिवस हर साल मार्च के महीने में मनाया जाता है , वहीं आने वाले 22 मार्च को बिहार अपना 108वां दिवस मनाएगा | लेकिन बिहार दिवस आधिकारिक रूप से 2010 से ही मनाया जाने लगा है ,जब बिहार के मुख्यमंत्री पहली बार पटना ऐहतिहासिक गाँधी मैदान में 22 मार्च , 2010 को बिहार दिवस का शुभारंभ किया | इसके बाद से हर साल बिहार दिवस मनाया जाता है |
बिहार बौद्ध संस्कृति का जन्मस्थान रहा है , इसलिए इस राज्य का नाम पहले विहार और बाद में बिहार रखा गया | बिहार को पहले मगध नाम से जाना जाता था , और बिहारी की राजधानी पटना का नाम पाटिलपुत्र का था | बिहार दिवस के अवसर पर राज्य सरकार ने राजकीय अवकाश करने का आदेश भी दिया था | आज के समय में भारत के अलग-अलग शहरों के साथ विदेशों में भी इसका आयोजन किया जाता है | 22 march ,2016 , को यू.एस.ए , ब्रिटेन ,कनाड़ा ,ऑस्ट्रेलिया ,बहरीन , क़तर में बिहार दिवस मनाया गया | बिहार दिवस का कार्यक्रम अन्य राज्यों और दूसरे देशों में बिहार फाउंडेशन नामक एक संस्थान द्वारा कराया जाता है | बिहार दिवस के मौके पर हर साल बिहार और अन्य राज्यों में तरह तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है , जिसमें बिहार की संस्कृति और माहौल से जुडी चीज़े की जाती हैं , बच्चों को स्कूल्स में कपङे ,खाना - पीना और किताबें बाटी जाती हैं |
बिहार से जुडी कुछ बेहद ख़ास बातें -
1 . बिहार को पहलर मगध के नाम से जाना जाता था |
2 . भारत के पहले राष्ट्रपति " राजेंद्र प्रसाद भी बिहार से थे |
3 . बिहार से ही जैन और बौद्ध धर्म की उत्पत्ति हुई ,इसी राज्य में भगवान् महावीर और बुद्ध का जन्म हुआ था |
4 . हिन्दू पुराणों के अनुसार माता सीता का जन्म भी बिहार में ही हुआ था , और भगवान् राम और सीता माता भी बिहार में ही मिले थे |
5 . दुनिया का सबसे पुराना विश्वविद्यालय ( नालंदा यूनिवर्सिटी ) भी बिहार में ही स्थित है |
12 वी शताब्दी के बाद इस खूबसूरत विश्वविद्यालय के साथ तोड़ फोड़ की गयी ,और ये एक खंडर बन कर रह गया , फिर 2016 में इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO) में शामिल किया गया |
6 .एशिया का सबसे बड़ा पशुमेला भी बिहार में लगता है ,जिसे सोनपुर मेला कहते हैं , जो हर साल नवंबर- दिसंबर में सोनपुर इलाके में लगता है |
7 . विश्व प्रसिध्द गाडीतज्ञ आर्यभट्ट भी बिहार से ही थे |
8 .भारत के मशहूर सम्राट , चन्द्रगुप्त मौर्य , अशोका , विक्रमादित्य भी बिहार से ही थे |
बिहार दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बिहार के लोगो के बीच भावनात्मक लगाव को बनाये रखना तथा बिहार की राष्ट्रीयता को बरक़रार रखना है | जिससे लोगो में प्रेम और जुड़ाव बना रहे और साथ ही लोग बिहार की गरिमा को याद रखें |