उपचुनाव की निगरानी में 13 हजार अर्धसैनिक बल, पीएसी व सिपाहियों को लगाया गया है और ड्यूटी में सभी से पूरी मुस्तैदी बरतने को कहा गया है। मतदान मे छह पोलिंग बूथ की निगरानी ड्रोन से होगी। संवेदनशील बूथ पर अर्धसैनिक बलों के साथ पीएसी के जवान तैनात होंगे।
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज ने बताया कि जिले में तैनात सभी पुलिस अधिकारी, सीओ, थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी व सिपाहियों की चुनाव ड्यूटी लगाई गई है।
उधर, शुक्रवार शाम पांच बजे चुनावी प्रचार बंद होने क बाद दूसरे जिलों से आए सभी स्टार प्रचारक वापस चले गए। प्रत्याशियों और समर्थकों ने अब डोर-टू-डोर प्रचार तेज कर दिया है। प्रशासन ने जिले की सीमाओं को सील कराने के साथ शराब की दुकानों को बंद रखने के निर्देश दिए हैं। चेक पोस्ट पर बैरियर लगाने के साथ वाहनों की तलाशी तेज कर दी गई है।
गोरखपुर जिला निर्वाचन अधिकारी राजीव रौतेला ने आज बताया कि सभी होटल और लॉज की चेकिंग कराकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दूसरे जिले का कोई नेता शहर में न रुके तथा पकड़े जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रविवार को मतदान के दिन तक जिले एवं उसकी सीमा से सटे आठ किलोमीटर के दायरे में शराब की सभी दुकानें बंद कराने के निर्देश दिए गए हैं।
रौतेला ने बताया कि दिव्यांगों के लिए इस उपचुनाव में 577 मतदान केन्द्रों पर व्हील चेयर की व्यवस्था की गई हैं। वोट डालने के दौरान उनके साथ एक सहायक मौजूद रहेगा। इसके अलावा मतदान का सीधा प्रसारण वेबकास्टिंग के जरिए लखनऊ व गोरखपुर एनआईसी में देखी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि इस उपचुनाव में कुल 2141 मतदान स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। 64 बूथों पर आब्जर्बर के साथ 33 कम्पनी अर्धसैनिक बल मौजूद रहेंगे। 970 सेंटरों से वेबकास्टिंग, वीडियो की व्यवस्था रहेगी।
चुनाव व्यवस्था की निगरानी के लिए छह ड्रोन कैमरे, 14 इंसपेक्टर, 313 सबइंसपेक्टर, 250 एसआईयूटी, 266 मुख्य आरक्षी, 2600 सिपाही, 5600 होमगार्ड्स, 33 कम्पनी अर्धसैनिक बल और 10 सीओ को तैनात किया गया है। इस उपचुनाव में कुल मतदान केन्द्र 970, मतदेय स्थल 2141, क्रिटिकल बूथ 148 है।
जिले के मतदाता पहली बार वोटर वीवीपैट के माध्यम से यह जान सकेंगे कि उनका मत किस प्रत्याशी को गया है। इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से होने वाले इस चुनाव में पहली बार यहां वीवीपैट के माध्यम से पर्चियां निकलेंगी और मतदाता यह जान सकेंगे कि उनका वोट किस प्रत्याशी को गया है।
प्रशासन ने इसके लिए 2141 ईवीएम मंगायी है जिसमें वीवीपैट लगा होगा। सबसे पहले इसका इस्तेमाल नगालैंड के चुनाव 2013 में हुआ। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने वीवीपैट बनाने की मशीन बनाने और इसके लिए पैसे मुहैया कराने के आदेश केन्द्र सरकार को का दिए थे। चुनाव आयोग ने 2014 में तय किया कि अगले चुनाव यानी साल 2019 के चुनाव में सभी मतदान केन्द्रों पर वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा।
गौरतलब है कि ईवीएम से पूर्व में हुए वोटिंग को लेकर राजनीति क दलों ने गंभीर प्रश्न खड़े किए थे और ईवीएम की सेटिंग में मतों की हेराफेरी करने का आरोप लगते रहे हैं, मगर वीवीपैट लगने के बाद हेराफेरी की आशंका समाप्त हो जाएगी। गोरखपुर संसदीय क्षेत्र में कैम्पियरगंज, सहजनवा, पिपराइच, गोरखपुर शहर और गोरखपुर ग्रामीण पांच विधानसभा आते हैं, जिसमें लगभग कुल 20 लाख मतदाता हैं जो कुल जिले की जनसंख्या का 64 प्रतिशत हैं।