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शैतान या इंसान (भाग–1)

10 अक्टूबर 2021

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अलार्म बजने लगा। अरे यार आज मैं फिर से लेट हो जाऊंगी, नेहा ने जल्दी जल्दी उठते हुए कहा। मम्मी में जा रही हूं। अरे नाश्ता तो करती जा, उसकी मम्मी ने बोला। टाइम नही है मम्मी मैं लेट हो जाऊंगी, नेहा ने जल्दी जल्दी निकलते हुए कहा। 
नेहा की अभी कुछ समय पहले ही एक न्यूज चैनल में नौकरी लगी थी। वो मेहनती थी लेकिन उसके एक ही कमी थी की वो कभी भी ऑफिस समय से नही पहुंच पाती थी। 
नेहा ऑफिस पहुंची। तुम आ गई, जल्दी जाओ टीम हेड बहुत नाराज़ हो रहे है, उसके साथी ने उससे कहा। आ गईं आप, टीम हेड ने देखते ही कहा। तो आज क्या बहाना है लेट आने का?, उसने पूछा। नेहा के पास कोई जवाब नही था वो नीचे देखने लगी। तुम्हारी यहीं लापरवाही रही तो ये जॉब भी तुम्हारे हाथ से निकल जायेगी। अब तुम खुद देख लो की तुम्हें क्या करना है, टीम हेड ने डांटते हुए कहा। एक तुम्हें छोड़ कर सभी लोग किसी न किसी स्टोरी पर काम कर रहे है, टीम हेड ने लगातार उसे डांटते हुए कहा। सर मैं पूरी कोशिश कर रही हूं स्टोरी के लिए, नेहा ने कहा। मुझे कोशिश से कोई मतलब नहीं है मुझे कोई स्टोरी चाहिए ही, अगर तुम ये नही कर सकती हो तो इस महीने के बाद खुद मुझे अपना इस्तीफा दे देना, टीम हेड ने कहा। सर मैं पूरी कोशिश करूंगी की ऐसा मौका न ही आए, नेहा ने कहा और बुझे हुए कदमों से वहां से निकल गई। 

सभी के पास कोई न कोई स्टोरी है लेकिन मुझे ही कुछ नही मिलता। नेहा को खुद पर बहुत झुंझलाहट आ रही थी। इधर Tv पर एक ब्रेकिंग न्यूज आ रही थी, दस लाख का इनामी अपराधी ने आखिरकार खुद ही सरेंडर कर दिया है, कोई नही जानता की इसका असली नाम क्या है, कुछ लोग इसे शैतान कहते है तो कुछ लोग राक्षस, जबकि कुछ लोगो का कहना है की ये अपराधी उनके लिए भगवान से कम नहीं है। जो भी है लेकिन इसके सरेंडर करने से पुलिस प्रशासन ने काफी राहत ली है। नेहा ने वो न्यूज देखी। यही है वो स्टोरी जिसकी मुझे तलाश थी, शीर्षक भी कितना अच्छा बनेगा "शैतान या इंसान", नेहा ने सोचा और अपने टीम हेड के पास पहुंची। सर आपने वो ब्रेकिंग न्यूज देखी जो अभी चल रही थी, नेहा ने पूछा। हां देखी थी, टीम हेड ने कहा। सर ये स्टोरी मैं कवर करना चाहती हूं, नेहा ने कहा। तुम ये स्टोरी कवर करोगी? टीम हेड ने आश्चर्य से पूछा। जी सर ये स्टोरी मैं ही कवर करना चाहती हूं, नेहा ने कहा। ये बहुत ही ज्यादा चैलेंजिंग है, तुमसे नही हो पाएगा, टीम हेड ने उसे टालते हुए कहा। सर मुझे ये स्टोरी कवर करने की इजाजत दे दीजिए, मैं आपसे वादा करती हूं की मैं आपको निराश नहीं करूंगी, नेहा ने दृढ़ निश्चय से कहा। ठीक है अगर तुम्हें लगता है की तुम ये कर पाओगी तो मैं अपनी और से तुम्हे इज़ाजत देता हूं, लेकिन ध्यान रखना ये तुम्हारे लिए बस एक आखिरी मौका है, टीम हेड ने कहा। जी सर मुझे पता है, नेहा ने कहा और अपना सामान उठा कर सीधा जेल के लिए निकल गई। 

नेहा जेल पहुंची तो देखा वहां लोगों का पूरा हुजूम लगा हुआ था, उनमें से कुछ लोग उसकी फांसी की मांग कर रहे थे जबकि कुछ लोग उसे छोड़ने की मांग कर रहे थे। भीड़ में वो जैसे तैसे जेल के दरवाजे की और बढ़ने लगी। हट जाइए मैं एक रिपोर्टर हूं। नेहा किसी तरह जेल के दरवाजे तक पहुंचने में कामयाब हुई। मैं एक रिपोर्टर हूं, मुझे अभी जो अपराधी जेल में शिफ्ट हुआ है उसका इंटरव्यू लेना है, नेहा ने वहां खड़े सिपाही से कहा। सिपाही ने नेहा को नीचे से ऊपर की तरफ घूरा। क्या तुम पागल हो गई हो इस समय किसी को भी उससे मिलने की इजाजत नहीं है, देख रही हो ना भीड़ की क्या हालत है। बस पांच मिनट के लिए मिलवा दो, नेहा ने दुबारा कोशिश करते हुए कहा। मैने जब मना किया है की अभी कुछ नही हो सकता है तो तुम समझती क्यों नहीं हो? इस बार सिपाही ने थोड़ी ऊंची आवाज में कहा। आवाज सुन कर एक अधिकारी और वहां आ गया। क्या हुआ है उसने सिपाही से पूछा। देखिए सर ये लड़की खुद को एक रिपोर्टर बता रही है और उस अपराधी से मिलने की जिद्द कर रही है जिसे अभी अभी यहां शिफ्ट किया है। अधिकारी ने जैसे ही नेहा को डांटने के लिए देखा तो…..अरे नेहा तुम, तुम यहां पर क्या कर रही हो, उसने नेहा को पहचान कर सवाल किया। विनय तुम, कॉलेज के बाद आज दिखे हो, नेहा ने भी उस अधिकारी को पहचान कर कहा। यहां बहुत भीड़ है ऐसा करते है की थोड़ा साइड में चल कर बात करते है, विनय ने कहा। हां तो अब बताओ की क्या मामला है, विनय ने पूछा। नेहा ने उसे सारी बात बताई। ओह तो ये बात है, लेकिन माफ करना नेहा इस समय मैं उससे तुम्हारी मुलाकात नही करवा पाऊंगा, हम लोगों को ऊपर से बहुत सख्त ऑर्डर है, विनय ने कहा तो नेहा मायूस हो गई। ये स्टोरी कवर करना मेरे लिए बहुत जरूरी था, नेहा ने निराश शब्दों में कहा। उसे निराश देख कर विनय ने कहा, एक काम हो सकता है। क्या? नेहा ने थोड़ा उत्साह से पूछा। तुम सुबह सात बजे यहां पहुंचो ये रिपोर्टर या और किसी चीज का टैग लगा कर मत आना, मैं कुछ करता हूं, विनय ने कहा। थैंक यू सो मच, नेहा ने कहा। ठीक है अब जाओ, विनय ने कहा।

एक काम तो हुआ, नेहा ने सोचा लेकिन विनय ने टाइम सुबह सात बजे का बताया है। सात बजे!, मैं कैसे उठूंगी, नेहा को कल की चिंता सताने लगी। û
ऐसा करती हूं की आज रात का जागरण करती हूं क्योंकि अगर मैं सो गई तो मुझसे जल्दी से उठा नही जायेगा, नेहा ने सोचा। रात को बैठ कर नेहा ने वो सारे सवाल नोट कर लिए जो भी उसे पूछने थे। अगर वो मेरे सवालों का ठीक से जवाब दे देगा तो मुझे बहुत अच्छी स्टोरी मिल जायेगी। 

सुबह होते ही नेहा जेल पर पहुंच गई। विनय उसका इंतजार कर ही रहा था। आ गई तुम, चलो अब जल्दी करो, ये मास्क अपने चहरे पर लगा लो और ये लो झाड़ू, विनय ने उसे झाड़ू देते हुए कहा। इन सब चीजों का क्या मतलब है, नेहा ने पूछा। देखो वहां जाने की इजाजत किसी को नही है, तुम एक सफाई करने वाली बन कर वहां जाओगी अब चलो जल्दी देर मत करो, विनय ने कहा। 
देखो यहां से सीधे जाना और फिर दाईं और मुड़ कर सबसे लास्ट वाली बैरक उसी की है, तुम्हारे पास बस दस मिनट है, तब तक मैं यहां देखता हूं, अब जाओ, विनय ने कहा। नेहा जल्दी जल्दी चल कर उस बैरक तक पहुंची। 
उसे वहां जंजीरों से बांध कर रखा हुआ था। नेहा जल्दी से वहां पहुंची। हेलो तुम सुनो इधर देखो, मुझे बात करनी है तुमसे, नेहा ने सलाखों पर हाथ मारते हुए कहा लेकिन उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा वो ऐसे ही नीचे गर्दन करके बैठा रहा। मैं तुमसे बात कर रही हूं, मेरी तरफ देखो, नेहा ने कहा। उसकी स्थिति में कोई फर्क नही आया था वो ऐसे ही बैठा रहा। ये तो कुछ न सुन रहा है और न ही बोल रहा है, मेरी तरफ देख भी नहीं रहा अब कैसे मैं स्टोरी लिख पाऊंगी, ये सोच कर नेहा निराश हो गई। फिर भी उसने हिम्मत नही हारी। मैं एक रिपोर्टर हूं, लोग बाहर तुम्हारी फांसी चाहते है और कुछ लोग चाहते है की उन्हें तुम्हारी जरूरत है, तो क्या तुम नही चाहते की उन लोगों को तुम्हारे बारे में पता चले की तुम्हारी सच्चाई क्या है, नेहा ने कहा। उसने पहली बार नेहा की तरफ देखा, उसकी आंखे देख कर ही नेहा के अंदर एक सर्द लहर दौड़ गई। तुम्हें सच बताना होगा, नेहा ने हिम्मत करके कहा। वो उठा और सलाखों के पास आया। मुझे इन चीजों से कोई सरोकार नहीं है, उसकी आवाज़ में भारीपन था। फिर भी तुम नही चाहते की जो लोग तुम्हें सही या गलत समझते है उन्हे सच्चाई जानने का पूरा हक है, नेहा ने कहा। देखो तुम जो कोई भी हो मुझे तुम्हारी बातों में कोई भी दिलचस्पी नहीं है, उसने कहा। मतलब तुम खुद भी चाहते हो की लोग तुम्हें राक्षस ही समझे, क्या तुम सचमुच ये हो?, नेहा ने उसे भड़काना चाहा। हां हूं मैं राक्षस हूं और हमेशा ही रहूंगा, उसकी आंखे लाल हो चुकी थी। ठीक है जैसी तुम्हारी मर्जी, तुम्हें ये सब करके उन लोगों को बचाना चाहते हो जिन्होंने तुम्हे ऐसा बनाया है तो ऐसा ही सही, नेहा ने कहा और वहां से जाने लगी। रुको, उसने बुलाया। तुम सच्चाई ही जानना चाहती हो तो अपना पेन और डायरी मुझे दो। नेहा ने चुपचाप उसे दे दी। ये लो, उसने वापस उसे डायरी दे दी। इसमें एक पता लिखा हुआ है, उस पते पर जाना वहां तुम्हे सारी बातों का पता चल जायेगा ये कह कर वो वापस वैसे ही जा कर बैठ गया। 

नेहा वापस विनय के पास पहुंची। क्या रहा, उसने कुछ कहा, विनय ने पूछा। हां उसने मुझे ये पता दिया है और कहा है वहां से मुझे सब बातों का पता लग जायेगा, नेहा ने कहा। तो अब तुम्हारा क्या प्लान है, वहां जाओगी?, विनय ने पूछा। हां इरादा तो मेरा यहीं है, नेहा ने कहा। वहां अकेले जाने में खतरा हो सकता है, ऐसा करता हूं की मैं भी तुम्हारे साथ चलूंगा वहां। 
अमर सिंह

अमर सिंह

बहुत अच्छी शुरुआत

17 अक्टूबर 2022

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शैतान या इंसान
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एक इंसान की कहानी जिसे लोग शैतान समझते थे, लेकिन क्या हकीकत में वो शैतान ही था.............................................

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