भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि,
आई पावन हरतालिका तीज।
रखें व्रत यह कुवांरी सुहागिनें,
संकल्प करें हरतालिका तीज।।
लगा कर मेहंदी हाथों में,
पावन निर्जला व्रत रखती।
प्रतीक होता अखंड सौभाग्य,
नक्षत्रों का आशीर्वाद पाती।।
करके सारे साज सिंगार,
पूजन करती विधि विधान।।
शिव पार्वती और गणेश,
प्रतिमा पूजन पूर्ण विधान।।
शिव पार्वती ओढ़नी चढ़ाकर,
साजो सिंगार अर्पित करती।
रात्रि जागकर भजन कीर्तन,
सूर्य बेला निर्जल व्रत खोलती।।