स्वतंत्रता दिवस को मिलकर भाईचारा अपनाओ।
आजादी के इस अमृत महोत्सव को सब मनाओ।।
गंगा यमुना के इस तहज़ीब को सभी धर्म अपनाओ।
सभी धर्म के लोग यहां अब राष्ट्र धर्म को अपनाओ।।
आजादी के इस अमृत काल को अब तुम सब जानो।
पूर्ण हो गया पचत्तहर साल तिरंगे की शान को जानो।।
आन बान और शान से झंडा को अब सब फहराओ।
सारे जहां से अच्छा है ये तिरंगे की शान को गाओ।।
भारत की शान है तिरंगा यह तीन रंगों में बसता।
केसरिया श्वेत और हरा तिरंगा हर मन में रहता।।
केसरिया जताता है त्याग और बलिदान समर्पण को।
श्वेत सच्चाई और एकता हरा विश्वास और उर्वरता को।।
तिरंगा का नीला चक्र यह अशोक स्तंभ को दर्शाता।
आकाश, महासागर, सार्वभौमिक सत्य को अपनाता।
चौबीस तीलियां मनुष्य के चौबीस गुणों को दर्शाती।
हिमालय से ऊंचा आकाश इस तिरंगे को पहचानती।।
हम हिन्दुस्तानी अपनी संस्कृति से देश का मान बढ़ाए।
कर्मभूमि से जुड़े रहे हम सब सर्व धर्म समभाव अपनाए।।
सभी धर्म के लोग यहां हम सब मिलकर है भारतवासी।
वेशभूषा हमारी भिन्न मगर हम इस इस देश के वासी।।