वज़्न---122 122 122 122✍️अर्कान-- फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन फ़ऊलुन✍️ क़ाफ़िया— आते स्वर की बंदिश) ✍️रदीफ़ --- बड़ी सादगी से "गज़ल"हँसा कर रुलाते बड़ी सादगी सेखिलौना छुपाते बड़ी सादगी सेहवा में निशाना लगाते हो तुम क्यों पखेरू उड़ाते बड़ी सादगी से।।परिंदों के घर चहचहाती खुशी हैगुलिस्ताँ खिलाते बड़ी सादगी से।।शिकारी कहू