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हौसला

26 अगस्त 2022

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जगाने नई आशा कि उम्मीद मै आया हूँ।
मयाबी इस दुनियाँ से निकाल तुझे ले 
जाने आया हूँ।




क्यो है। कालकोठरी मे बंद क्यो बहाता 
गम के आँसू  तुझे तो पुरी दुनियाँ 
देखनी है। यही बताने आया हूँ।
मयाबी इस दुनियाँ से निकाल
तुझे ले जाने आया हूँ।




छोटी छोटी बातो मे तू यू ही फँसा
रहेगा। नफरत की जाल मे कब 
तक जलता रहेगा। बदल अपनी
सोच बुला ले अपने पास मुझे 
हर तेरे सपनो की नाच मै तुझे
दिखाने आया हूँ। मयाबी इस 
दुनियाँ से निकाल तुझे ले जाने
आया हूँ। 




निकल इस मोहल्ले से निकल इस
गांव से निकल इस शहर से बढ़ा
आगे कदम तेरे साथ मै हूँ। बढ़ा तू
कदम  तुझे पुरी दुनियाँ पर राज 
कराने आया हूँ। मयाबी इस दुनियाँ 
से निकाल तुझे ले जाने आया हूँ।




कुछ करने कि ठानी है। तो क्यो नही
कुछ करता बैठ अकेले मे तू अपनी
दिन-दशा पर क्यो है। रोता  तू छोटा
नही तू बड़ा है। क्यो तुझे मानने मे 
देरी है। यही बात मै तुझसे पुछने आया
हूँ। मयाबी इस दुनियाँ से निकाल तुझे
ले जाने आया हूँ। 




तुझे अपनी मंजिल क्यो दुर लागती 
दुर नही है। तुझे समझने मे है। यही
गलती मुझे अपने पास रख हर उलझन 
को उलझाने आया हूँ। एक बार मन से
चाह कर देख हर राज बताने आया हूँ।
 मयाबी इस दुनियाँ से निकाल तुझे ले
जाने आया हूँ।




देख आसमान मे सितारो को कैसे 
चम-चम चमक रहे है। धरती पर 
रह कर भी आसमान मे अपना
महल बनाये है। तेरे लिये भी जगह
बहुत वहा खाली है। तू भी जाकर
अपनी महल बना ले सदा के लिये
आसमान मे अपनी जगह यही बात
बताते आया हूँ। मयाबी इस दुनियाँ  
से निकाल तुझे ले जाने आया हूँ।




मै हूँ। तेरा ताकत बुला ले अपने पास
मुझे हर तेरे मुसिबतो से तुझे बचाने
आया हूँ। मयाबी इस दुनियाँ से 
निकाल तुझे ले जाने आया हूँ।

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