नगर की घनी आबादी वाले क्षेत्र घंटाघर चौराहे पर नगर मजिस्ट्रेट की
अनुमति से स्थापित की गई गणेश प्रतिमा को हटाने के लिये एक दरोगा ने अपनी दबंगई
दिखाई। उसने गणेश प्रतिमा हटाने की धमकी दे दी। इसके बाद गुस्साये व्यापार ियों ने
बाजार बंद कर विरोध शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख नगर मजिस्ट्रेट मौके पर
पहुंचे। उन्होंने किसी तरह मामले को शांत कराया।
मामला नगर के थाना दक्षिण क्षेत्र सदर बाजार स्थित घंटाघर चैराहे का
है। चौराहे पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी नगर मजिस्ट्रेट सुरेन्द्र बहादुर
यादव की अनुमति के बाद सोमवार को गणेश प्रतिमा धूमधाम से स्थापित की गई। भक्त पूजा
अर्चना करने में जुटे थे। आरोप है कि तभी थाना दक्षिण के दरोगा ध्यानपाल सिंह वहां
आ धमके। जिन्होंने मौजूद धर्मप्रेमियों से प्रतिमा को हटाने का फरमान सुना डाला।
जब दरोगा को यह बताया गया कि प्रतिमा नगर मजिस्ट्रेट के आदेश पर रखी
गई है तो दरोगा ने कहा कि नगर मजिस्ट्रेट कौन होते हैं। बात नहीं मानी तो बुलडोजर
चलवाकर गणेश प्रतिमा को हटा दिया जायेगा। यह सुनते ही उपस्थित धर्मप्रेमियों और
व्यापारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया। गुस्साये व्यापारियों ने बाजार बंद कर
धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले ने तूल पकडा तो दरोगा वहां से निकल लिये।
उधर, जिला प्रशासन को घटनाक्रम की जानकारी लगी तो खलबली मच गई। नगर
मजिस्ट्रेट मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसी तरह मामले को शांत किया। धर्मप्रेमियों
ने राहत की सांस ली और धरना खत्म किया। नगर मजिस्ट्रेट ने कहा है कि ईद वाले दिन
मात्र दो घंटे के लिये गणेश प्रतिमा को ढका जायेगा।
व्यापरियों और धर्मप्रेमियों में दरोगा ध्यानपाल सिंह के खिलाफ रोष
व्याप्त है। व्यापारी संगठन का कहना है कि दरोगा ने शहर की फिजां खराब करने का काम
किया है। आस्था से खिलवाड़ किया है, जो कानूनी तौर पर गलत है। व्यापारियों और
धर्मप्रेमियों ने दरोगा के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की मांग की है ताकि
भविष्य में कोई ऐसा कदम न उठा सके।