पिछले सप्ताह 8 जनवरी को BSF के एक जवान तेज बहादुर यादव ने फेसबुक पर एक वीडियो अपलोड किया था. इसमें उन्होंने BSF जवानों को मिलने वाले खराब खाने की शिकायत की थी. सरहद पर तैनात एक जवान के शिकायत करने पर कई लोगों को इतनी मिर्ची लगी कि खुद तेज बहादुर को कठघरे में खड़ा कर दिया गया. BSF अधिकारियों ने उस पर कई गंभीर आरोप लगाए और लोगों के लिए वो ‘यादव’, ‘कांग्रेसी दल्ला’, ‘ देश द्रोही’ और न जाने क्या-क्या हो गया. अब ऐसा ही एक और वीडियो आया है. माउंट आबू में पोस्टेड CRPF जवान जीत सिंह ने यूट्यूब वीडियो के जरिए प्रधानमंत्री मोदी को अपनी परेशानी बताई है.
वीडियो में जीत सिंह ने क्या कहा है…
‘दोस्तों, मैं कॉन्स्टेबल जीत सिंह सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स का जवान हूं. मैं आप लोगों के जरिए हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री माननीय नरेंद्र मोदी जी तक एक संदेश पहुंचाना चाहता हूं, जिसमें मुझे पूरा भरोसा है कि आप लोग मेरा सहयोग करेंगे. तो मेरा कहना ये है कि हम लोग CRPF वाले इस देश के अंदर ऐसी कौन सी ड्यूटी है, जो नहीं करते. लोकसभा चुनाव, राज्यसभा चुनाव… यहां तक कि छोटे-मोटे ग्राम पंचायत के चुनावों में भी हम ड्यूटी करते हैं. इसके अलावा VIP सिक्यॉरिटी, VVIP सिक्यॉरिटी, संसद भवन, एयरपोर्ट, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारे… कोई भी ऐसी जगह नहीं है, जहां पर CRPF के जवान अपना योगदान न देते हों.
इतना सब कुछ करने के बावजूद भी भारतीय आर्मी और CRPF और बाकी भी अर्धसैनिक बलों के बीच सुविधाओं में इतना अंतर है… इतना अंतर है कि आप लोग सुनोगे, तो हैरान रह जाओगे. सबसे बड़ी बात माननीय मोदीजी से मैं कहना चाहूंगा कि हमारे देश के अंदर न जाने कितने ही सरकारी स्कूल और कॉलेज हैं, जिनके अंदर बैठे टीचरों को आप 50-50… 60-60 हजार महीने की पे दे रहे हो. और उसमें साल में न जाने कितने दिन हर त्योहार वो लोग घर में रहते हैं. घर में मनाते हैं और हम लोग… कोई छत्तीसगढ़, कोई झारखंड के जंगलों में, कोई जम्मू-कश्मीर की वादियों में पड़ा रहता है. न ही इसे कोई वेलफेयर मिलता है. न ही समय से छुट्टियां मिलती हैं.
हमारे इस दुख को समझने वाला कोई नहीं है दोस्तों. क्या हम लोग इसके हकदार नहीं हैं? इतनी ड्यूटियां करने के बावजूद भी. आर्मी को पेंशन भी है. हम लोगों की पेंशन थी, वो भी बंद हो गई. 20 साल बाद हम नौकरी छोड़कर जाएंगे, तो क्या करेंगे? एक्स-सर्विसमेन का कोटा भी हमको नहीं. कैंटीन की सुविधा हमको नहीं. मेडिकल की फैसेलिटी हमको नहीं. ड्यूटी… ड्यूटी सबसे ज्यादा हमारी. आर्मी को जितनी फैसेलिटी मिलती हैं, हमें उससे कोई ऐतराज नहीं… मिलनी चाहिए. लेकिन हमारे साथ इतना भेदभाव क्यों? हमको भी तो मिलनी चाहिए. दोस्तों, अगर मेरी इस बात से आप लोग सहमत हों, तो इस वीडियो को जितना हो सके, आगे बढ़ाओ.’
ताज्जुब होता है कि हमारे देश के जवान कितने बेवकूफ हैं. वो सरहद पर 11-11 घंटे ड्यूटी भी करते हैं, बद्तर मौसम झेलते हैं, खराब खाना खाते हैं और फिर शिकायत करने लगते हैं. पता है तुम्हारी ये शिकायत सुनकर लोग क्या कहते हैं? ‘अरे गए ही क्यों थे फौज में, जब सामान्य जिंदगी चाहिए थी…!’ और तुम्हें क्या लगता है! मोदीजी तुम्हारे जैसे सैनिकों की शिकायतें सुनने के लिए दिल्ली में बैठते हैं. सनद रहे, तुम्हारी वजह से उनका योगा स्किप नहीं होना चाहिए.
और जीत सिंह… तुमने दो दिन पहले ही तो देखा था कि शिकायत करने पर कैसे हमने एक जवान को शराबी और मानसिक रोगी घोषित कर दिया था. फिर भी तुमने ऐसी हिमाकत की. तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई ये कहने की कि ये देश अपने सैनिकों का ख्याल नहीं रखता. अरे पगले, हम तो इतने शांतिप्रेमी हैं कि तुम्हारा नाम लेकर बहस ही खत्म कर देते हैं. तुम कोई शिकायत कैसे कर सकते हो? तुम्हें पता नहीं क्या कि अपने नेकी वाले काम गिनाना अच्छा नहीं माना जाता.
खैर, अब प्रधानमंत्री के नाम के आगे-पीछे ‘श्री’, ‘माननीय’ और ‘जी’ लगा ही दिया है, तो ये भी बता दो कि अपने लिए कौन सा टाइटल पसंद करोगे तुम? ‘कांग्रेसी दल्ला’, ‘गद्दार’, ‘देशद्रोही’, ‘पाकिस्तान भक्त’, ‘पागल’… जो पसंद आए, चुन लो. देशवाले बड़ी मोहब्बत से इस्तेमाल करेंगे उसे. और हां, छुट्टी की बात दोबारा मत करना दोस्त. कहां पेंशन वगैरह के चक्कर में पड़े हो. 20 साल बाद पेंशन तो तब लोगे न, जब छत्तीसगढ़ और झारखंड के जंगलों में बैठे नक्सलियों की गोलियों से जिंदा बचोगे. भविष्य की इतनी फिक्र क्यों करते हो. फकीर बनो. सब मोह-माया है. जय हिंद बोलो. पेट भरा-भरा महसूस होगा.
जीत सिंह की इस शिकायत पर गृह-राज्यमंत्री हंसराज अहीर ने कहा, ‘सबसे साथ एक जैसा व्यवहार होना चाहिए. चाहे वो आर्मी हो या अर्धसैनिक बल. वैसे अभी तक हमें इसकी कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. मामला हमारे सामने आएगा, तो हम इसे देखेंगे.’ CRPF के डीजी दुर्गा प्रसाद का कहना है कि जो शिकायतें जीत ने की हैं, वो उन्हें पहले ही सरकार के सामने रख चुके हैं. वो जितना कर सकते हैं, कर रहे हैं.
भारत माता की जय!
साभार-लल्लनटॉप