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जाने कितने धंधे होते

28 फरवरी 2024

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जाने कितने धंधे होते

जाने कितने धंधे होते,

कुछ अच्‍छे, कुछ गंदे होते।

जिन‍की भूख ग़रीब का खाना,

वो सारे भिखमंगे होते।

झूठ को देखे और न बोलें,

जो गूँगे और अंंधे होते।

बुरा भला न बोलो उनको,

जिनके गले में फंदे होते।

ये जो शेर बने फिरते हैं,

दो कौड़ी के बंदे होते।

- प्रियांशु कुशवाहा  

 सतना ( मध्य प्रदेश )     

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