गांव का एक छत ,उसकी मुंडेर के पास खड़ी एक कुंवारी लड़की , उसके सोच की परिकल्पना करना शायद साहित्यकारों के हैसियत के बाहर की बात है, क्योकि वो देश की प्रधानमंत्री बनने के बारे में भी सोच सकती है और अपने होने वाले पति के घर के बारे में भी .गली से आते जाते अपने से उम्रदराज सभी मर्दों के हिसाब से नज़र फे