shabd-logo

जहर का हिसाब

11 अक्टूबर 2022

22 बार देखा गया 22
ज़हर का भी क्या खूब
हिसाब है
बड़ा अनोखा इसका 
अंदाज है
मरने के लिए ज़रा सा भी
असर कर जाता है
जीने के लिए जितना भी पीए 
कम ही पड़ जाता है


Dr. Pradeep Tripathi

Dr. Pradeep Tripathi

बहुत खूब।

16 अक्टूबर 2022

5
रचनाएँ
सच्ची बात
0.0
कुछ बातें सच्ची दूसरों को समझाने में सभी को लगे अच्छी शब्द वो दिखाए सच के आइने बातें जो समझाए सच्चाई के मायने अपनी जीवन में क्यों न इन्हे उतारे दूसरों से पहले खुद को क्यों न सुधारे दखल अंदाज़ी करना सब को भाए खुद गलती कहा किसी को नज़र आए
1

सच्ची बात

24 फरवरी 2022
2
2
1

ना बन सकेजो बरगद पीपल से विशालतो क्यागमलों में उगने वालीतुसली भी नहीं होतीकम कमालइंसान वही है महानइंसानियत की सच्ची ये ही पहचानबुरे वक्त में लड़खड़ाए ना अच्छे वक्त में अहंकार से इतराए ना

2

जमाने का दस्तूर है

25 फरवरी 2022
2
1
0

यहीं जमाने का दस्तूर हैलोग मतलब और मगरुर हैजरूरत जब तक हो रहते करीब हैमतलब निकलते ही हो जाते दूर हैकोई अहम के नशे में चूर हैयहीं तो जमाने का दस्तूर हैदिखावा हर तरफ भरपूर हैसादगी से सभी कोसों दूर है

3

देखा जाए तो

25 फरवरी 2022
3
3
1

देखा जाए तो सच्ची ये ही बात बिकते है अब ईमान दौलत के गुलाम यहां है हर इंसान पैसों के लिए बेच दे ईमान ज़मीर को मार कर इंसानियत को किया शर्मसार दौलत की बोली समझे दौलत को ही समझे भगवान

4

कोई ये नही बताता है

27 फरवरी 2022
2
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">मन आखिर क्या चलता है<br> कोई ये नहीं बताता है<br> हर कोई मन की बातें<br> यहां छिपाता है<br> खुद की खता नहीं किसी को<br> कुबूल<br> बस दूसरो की बताए भूल<br> इल्ज़ाम एक दूज

5

जहर का हिसाब

11 अक्टूबर 2022
4
3
1

ज़हर का भी क्या खूबहिसाब हैबड़ा अनोखा इसका अंदाज हैमरने के लिए ज़रा सा भीअसर कर जाता हैजीने के लिए जितना भी पीए कम ही पड़ जाता है

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए