दोस्तों मै आपको इस लेख मे सबसे आसान भाषा में जैविक खेती के बारे बता रहा हूँ
सालों पहले लोग जैविक खेती करते थे , जैविक खेती मतलब,
लोग जैविक खेती में फसलों के विकास के लिए किसी भी रसायन खाद के बजाय सेंद्रिय खाद का उपयोग करते थे, और वो खाद के रूप में गाय, भैंस, बकरी, बैल जैसे जानवरों के गोबर का उपयोग करते थे, और ये गोबर खेती के लिए बहुत फायदेमंद था, जिसके अंदर जमीन को उपजाऊ बनानेवाले घटक होते थे, जो जमीन को एक उपजाऊ खेत बनाते थे, और इसका असर लगभग तीन साल तक रहता था. जब जब फसलों में अनचाही घांस उगती थी तो किसान खेत में हल चला कर उसे निकाल देता था.
जब फसल पर कोई बीमारी या रोग पड़ता था तो लोग जहरीले रसायनिक कीटनाशकों बजाय कडवे नीम के पेड़ के पत्तों से या फिर गोमुत्र से घरेलू किटनाशक बनाते थे और फसलों पर छिडकाव करते थे ,ये आयुर्वेदिक कीटनाशक इतना असर दिखाता की दो दिन में फसल फिर से पहले जैसी लहराने लगती थी. इस जैविक खेती से उपजा अन्न आज के तुलना में कई ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता था. क्योंकि तब खेती में रसायन युक्त खाद, कीटनाशक, एवं जमीन को नुकसान पहुंचाने वाले घांस नाशक का पर्याय नहीं था. तब की खेती पूरी तरह से जैविक खेती कहलाती थी.